कैमूर में अंचल कार्यालय में दो हजार से अधिक मामले लंबित
सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया के तहत कार्यों का निष्पादन कराने व सभी कार्यों को आनलाइन अपडेट करने की योजना धरातल पर पूरी तरह से दम तोड़ रही है।
कैमूर। सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया के तहत कार्यों का निष्पादन कराने व सभी कार्यों को आनलाइन अपडेट करने की योजना धरातल पर पूरी तरह से दम तोड़ रही है। अंचल कार्यालय में लगातार कार्यों के लिए आवेदन जमा हो रहे हैं। लेकिन उन आवेदन का निष्पादन होने की बात तो दूर उसपर सुनवाई भी नहीं हो पा रही है। आय-जाति निवास का मामला हो या दाखिल खारिज का या फिर परिमार्जन का सभी मामले आरटीपीएस कर्मियों के यहां पड़े हुए हैं। छह माह से भी अधिक के मामले अंचल कार्यालय में लंबित पड़े हैं। उच्च अधिकारियों के द्वारा जांच नहीं होने से ऐसे मामलों के आवेदन जमा हो जा रहे हैं। जो आम जनता के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। पंचायत चुनाव के कार्य शुरू हो गए हैं। स्कूल कालेजों में नामांकन का कार्य भी प्रारंभ है, लेकिन आय जाति निवास नहीं मिलने से उनका नामांकन भी प्रभावित हो रहा है।
एलपीसी भूमि परिमार्जन का कार्य भी अधर में लटका हुआ है। जिस कारण लोगों की आन लाइन रसीद भी नहीं कट पा रही है। कुछ माह पूर्व रामगढ़ अंचल कार्यालय के निरीक्षण के दौरान तत्कालीन एसडीएम अमृषा बैंस ने आरटीपीएस काउंटर में लंबित मामले पर नाराजगी जताई थी। लेकिन कोई ठोस कार्रवाई इस दिशा में नहीं होने से मामले निष्पादित होने की बजाय बढ़ते गए। इधर, आरटीपीएस काउंटर पर लिक एक माह से ठप है। सरवर काम नहीं करने से डाटा भी अपलोड नहीं हो रहा है। जबकि इसके पहले जब सुचारू रुप से आरटीपीएस काउंटर संचालित हो रहा था तब डोंगल लंबित कार्यों के निष्पादन में बाधक बना था। कर्मचारियों ने बताया कि डोंगल नहीं मिलने से अधिक मामले लंबित हो गए। सीओ डोंगल किसी कर्मचारी को देना मुनासिब नहीं समझती। अब सवाल यह उठ रहा है कि अपने कर्मचारियों पर विश्वास भी नहीं है। अगर ऐसा नहीं है तो उन्हें स्वयं बैठकर इन मामलों का निष्पादन करना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होने से कार्यो का बोझ अंचल कार्यालय पर बढ़ना स्वाभाविक है।