मरीजों के लिए मददगार बना जन औषधि केंद्र
कोरोना काल में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र मरीजों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं।
कैमूर। कोरोना काल में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र मरीजों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। इन केंद्रों से मिलने वाली जेनरिक औषधियां बाहर की दुकानों की अपेक्षा लगभग औसतन 30 से 40 फीसदी तक कम मूल्य पर उपलब्ध हो रही हैं। कुछ दवाओं में तो 50 स 60 फीसदी तक का अंतर होना बताया जा रहा है।
सहायक औषधि नियंत्रक सह अनुज्ञापन पदाधिकारी इंदू शेखर यादव ने बताया कि फिलवक्त सदर अस्पताल भभुआ के परिसर व मोहनियां तथा बेलांव में केंद्र का संचालन किया जा रहा है। केंद्रों के संचालक अरुण उपाध्याय की माने तो बरहुली गांव के लिए स्वीकृत केंद्र फिलहाल बंद है। उसे सोनहन में स्थापित करने के लिए राज्य मुख्यालय पटना से कागजी प्रक्रिया चल रही है।
चल रहें केंद्रों पर दवा की उपलब्धता की स्थिति
सदर अस्पताल भभुआ परिसर व मोहनियां तथा बेलांव में चल रहे जन औषधि केंद्रों पर कोरोना से जुड़ी दवाएं यथा पारा सिटामाल 650 एमजी, डाक्सीसाइक्लीन हाइड्रो क्लोराईड 100 एमजी, विटामिन सी टेबलेट, एजीथ्रोमाइसीन 500 एमजी, डी-3 60 के, मल्टी विटामिन कैप्सूल व इवरमेक्सीन 12 एमजी टेबलेट दवाएं उपलब्ध है। इसके अलावा अन्य सभी प्रकार के रोगों की कुल 250 दवाएं भी उपलब्ध है।
सभी दवाएं उत्तम गुणवत्ता के साथ-साथ प्रभावकारी भी
जेनरिक दवाओं की गुणवत्ता व कीमत के संबंध में जिले के वरीय चिकित्सक डॉ. अनिल सिंह ने कहा कि सभी दवाएं उत्तम गुणवत्ता की होने के साथ-साथ प्रभावकारी भी है। इन दवाओं पर टैक्स नहीं लगने व सीधे कंपनी से मिलने के कारण यह सस्ती भी पड़ती है।
वर्जन
केंद्र संचालक को समय से दुकान खोलने के साथ सभी प्रकार की दवाएं उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है। समय-समय पर ड्रग विभाग द्वारा इसकी जांच भी कराई जाती है।
-डॉ. मीना कुमारी, प्रभारी सिविल सर्जन