नुआंव बाजार में लॉकडाउन में गाइडलाइन की उड़ रही धज्जियां
नुआंव बाजार में लॉकडाउन टू के लिए जारी सरकारी गाइडलाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
कैमूर। नुआंव बाजार में लॉकडाउन टू के लिए जारी सरकारी गाइडलाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां सुबह 6 बजे से 10 बजे के बीच बाजार में भीड़ का आलम यह रहता है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। भीड़ के बढ़ने से कोरोना का संक्रमण घटने के बजाय बढ़ने न लगे इसका अंदेशा प्रबल नजर आता है।
लोगों की लापरवाही का आलम यह है कि देखने से ऐसा महसूस हीं नहीं होता है कि लोगों के मन में किसी बात का डर है और कोई सरकारी गाइडलाइन जारी की गई है। बाजार में सुबह 6 बजे 10 बजे के बीच इतनी भीड़ इकट्ठी हो जाती है जितना सामान्य दिनों में पूरे दिन में इकट्ठी होती है। कोरोना के संक्रमण पर कुछ नियंत्रण स्थापित हुआ तो लोगों की लापरवाही भी बढ़ती जा रही है जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता। यदि ऐसा ही हाल रहा तो संक्रमण बढ़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता। इन सबसे अलग अब तो प्रशासन भी मूकदर्शक की भूमिका में नजर आता है। दिखावे के लिए एक दो बार गश्ती की जाती है। एक दो लोगों को डांट फटकार कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जाती है।
ज्ञात रहे कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बिहार सरकार ने 5 मई से 15 मई तक लॉकडाउन लगाया था, इससे संक्रमण दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई। इसे और प्रभावी बनाने के दृष्टिकोण से 16 मई से 25 मई तक लॉकडाउन टू लगाया गया है। इसमें लॉकडाउन एक के कुछ प्रावधानों में आंशिक संशोधन भी किया गया है। जैसे पहले आवश्यक सेवा में शामिल दुकानों को सुबह 7 बजे 11 बजे तक खोलना था, लेकिन लॉकडाउन टू में शहरी क्षेत्र में सुबह 6 बजे से 10 बजे तक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह 8 बजे से 12 बजे तक खोलना है।
नुआंव बाजार में लॉकडाउन के पहले चरण में भी काफी भीड़ इक्कट्ठी होती थी। जिसे प्रशासनिक अधिकारी लोगों को डांट फटकार कर स्थिति को नियंत्रित करते रहते थे। लॉकडाउन एक के अंतिम दिनों से लॉकडाउन टू के प्रारंभ में प्रशासनिक अधिकारी भी उदासीन नजर आ रहे हैं। बाजार में अब वैसी भी दुकानें खुलने लगी हैं जिन्हें खोलने की सरकार द्वारा मनाही है। कुछ दुकानें आधा शटर खोलकर चल रहीं हैं।