नुआंव बाजार में गाइडलाइन का हो रहा उल्लंघन
नुआंव बाजार में कोरोना से बचाव को जारी गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है।
कैमूर। नुआंव बाजार में कोरोना से बचाव को जारी गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। सुबह बाजार और सब्जी मंडी में लोगों की जमकर भीड़ हो रही है। जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा है। इस भीड़ के लिए स्थानीय लोग और दुकानदार दोनों जिम्मेदार हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा पूरे बिहार में 5 से 15 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है। इसमें सुबह 7 बजे से 11 बजे तक आवश्यक सामान की दुकानों को खोलने की छूट दी गई है। लेकिन बाजार में कुछ वैसी भी दुकानें खुल रही हैं जिन्हें खोलने की अनुमति सरकार द्वारा नहीं है। अभी दो दिन पहले प्रशासन द्वारा एक बर्तन की दुकान को सील किया गया था और कई लोगों पर अर्थदंड भी लगाया गया था। लेकिन इसका डर दुकानदारों में नहीं है। स्थानीय लोग भी 11 बजे दुकानों के बंद होने के डर से सुबह ही खरीदारी कर रहे हैं। इससे पूरे दिन में जितनी भीड़ होती थी उतनी भीड़ सुबह 7 बजे से 11 बजे के बीच हो जा रही है। भीड़ का आलम यह रहता है कि कोई देखकर कह हीं नहीं सकता है कि लॉकडाउन लगा है। यह अलग बात है कि दोपहर में बाजार और सड़कों पर सन्नाटा रहता है। स्थानीय प्रशासन की मुस्तैदी के बावजूद भीड़ नियंत्रित नहीं हो पा रही है। प्रशासन 11 बजे के बाद बाजार में गश्ती कर रहा है और जो पकड़ा जा रहा है उसे दंडित कर रहा है। अंचलाधिकारी राजकिशोर शर्मा ने सुबह भीड़ को देखते हुए कहा था कि किसी दिन सुबह भी बाजार का निरीक्षण करेंगे और देखेंगे कि कौन दुकान खुल रही है। यदि सरकार के गाइडलाइन के विपरीत दुकानें खुली हुई पाई जाती हैं तो उचित करवाई की जाएगी। लेकिन समस्या यह है कि दुकानों को तो नियंत्रित किया जा सकता है लोगों को कैसे नियंत्रित किया जाए। सरकारी गाइडलाइन अतिआवश्यक होने पर हीं लोगों को घर से बाहर निकालने की अपील करती है, लेकिन लोगों के दिमाग में यह बैठ गया है कि गाइडलाइन द्वारा निर्धारित समय में निकलने की खुली छूट है। कई लोग तो बिना काम के भी बाजार में टहलते रहते हैं। पूछने पर कोई न कोई बहाना बना देते हैं। ऐसी स्थिति में प्रशासन भी मूकदर्शक बन जाता है।