लाठीचार्ज के विरोध में महागठबंधन नेताओं ने किया सड़क जाम
जिला मुख्यालय भभुआ नगर के एकता चौक पर शुक्रवार को महागठबंधन के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर बीते दिनों राजद कार्यकर्ताओं पर पुलिस के द्वारा किए गए लाठी चार्ज का विरोध जताया। राजद कांग्रेस भाकपा सहित महागठबंधन में शामिल अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नगर के एकता चौक को पुरी तरह से जाम कर दिया।
कैमूर। जिला मुख्यालय भभुआ नगर के एकता चौक पर शुक्रवार को महागठबंधन के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर बीते दिनों राजद कार्यकर्ताओं पर पुलिस के द्वारा किए गए लाठी चार्ज का विरोध जताया। राजद, कांग्रेस, भाकपा सहित महागठबंधन में शामिल अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नगर के एकता चौक को पुरी तरह से जाम कर दिया। जाम से पूर्व सभी दलों के कार्यकर्ता नगर के सभी मुख्य मार्गों में मार्च कर सरकारी विरोधी नारे लगाए। सड़क मार्च कर एकता चौक पर पहुंचे। जहां सड़क को जाम कर दिया। इसके चलते एकता चौक के चारों तरफ का रास्ता बंद हो गया। जिससे वाहनों की लंबी कतार लग गई।
महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि किसान तीन महीना से आंदोलन कर रहे हैं। विपक्ष के विधायकों के साथ की गई बर्बरता निदनीय है। राजद कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज कर गरीबों, मजदूरों व आम जनता की आवाज को दबाया गया। महंगाई, भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। इससे जनता पर बोझ बढ़ रहा है। जनता त्रस्त है। पुलिस विधेयक पास कर आमजनता के लिए मुसीबत हो गया है। जाम के दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। जाम के चलते वाहनों की कतार लग गई। जिसमें कई बाइक सवार, ई-रिक्शा, चार पहिया वाहन फंसे रहे। जाम में एक-दो वाहन स्कूलों के भी थे। जिसमें बच्चे बैठे थे। जाम के चलते वाहनों पर बैठे लोगों को काफी परेशानी हुई। लगभग आधा घंटा तक जाम रहने के बाद कार्यकर्ता सड़क से हटे। इसके बाद आवागमन सुचारू हो सका। कार्यक्रम में कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पाल, राजेश पटेल, मृत्युंजय मिश्रा, दीना गिरी, मन्नान खां, राजद से बिरजू सिंह पटेल, सुरेश सिंह, भोलानाथ सिंह, जर्नादन उपाध्याय, अवनिश कुमार पांडेय, भाकपा माले से प्रो. कमला सिंह, सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे।
रोज की तरह खुली रहीं दुकानें-
बिहार बंद कार्यक्रम को सफल बनाने सड़क पर उतरे महागठबंधन के नेता व कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन व जाम के बावजूद कोई दुकान बंद नहीं हुई। प्रतिदिन की तरह सभी तरह की दुकानें खुली रहीं। इसके चलते खरीदारी करने आए लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। हालांकि महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने दुकानों को बंद कराने का प्रयास भी नहीं किया।