किसान की बेटी का पहले प्रयास में सब इंस्पेक्टर पर पर हुआ चयन
चैनपुर प्रखंड के सुहावल गांव की एक बेटी ने प्रथम चरण के प्रयास में ही बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा में सब इंस्पेक्टर के पद पर सफलता प्राप्त कर ली है।
भभुआ: चैनपुर प्रखंड के सुहावल गांव की एक बेटी ने प्रथम चरण के प्रयास में ही बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा में सब इंस्पेक्टर के पद पर सफलता प्राप्त कर ली है। चैनपुर प्रखंड के सुहावल गांव के रामविलास पाल के पुत्री आरती कुमारी का चयन सब इंस्पेक्टर पद पर हुआ है। आरती ने बताया कि उसने प्रथम प्रयास में ही सब - इंस्पेक्टर पद की परीक्षा का फाइनल कर लिया है। आरती ने बताया कि उसने 2013 में मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की। ग्रामीण क्षेत्र से ही उसने इंटर की पढ़ाई 2015 में पूरी की। 2019 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की तथा आयोग की ओर से आए भर्ती को देखकर आवेदन किया। गुरूवार को रिजल्ट जारी होने के बाद देखा तो पाया की उसका चयन हो गया है। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता व माता को दिया। आरती को उनके रिश्तेदार भी शुभकामनाएं दे रहे है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में भी खुशी का माहौल है। गांव के बच्चे भी उनकी सफलता को देखकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी तेज कर दिए है। विषम परिस्थितियों में तैयारी कर दारोगा पद पर हुई चयनित
संवाद सूत्र, चैनपुर: प्रखंड क्षेत्र के चैनपुर पंचायत के ग्राम कचहरी सचिव पद पर कार्यरत सचिव सुनील कुमार चौरसिया की पुत्री ज्योति चौरसिया ने विषम परिस्थितियों में भी संघर्ष के बल पर दारोगा परीक्षा में सफलता हासिल की है।
ज्योति चौरसिया ने बताया कि उनके द्वारा अपनी मैट्रिक की पढ़ाई संत साबिर बिउर हाई स्कूल में पूर्ण की गई। जिसके उपरांत वर्ष 2015 में इंद्रासन प्रोजेक्ट विद्यालय चैनपुर से इंटर में उत्तीण हुई, वर्ष 2019 में संजय शहीद महिला कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के उपरांत अपने बड़े भाई सचिन चौरसिया के साथ पटना में रहकर कोचिग क्लास ज्वाइन करते हुए तैयारी में जुटी हुई थी। अगस्त 2019 को फॉर्म फिलअप एवं परीक्षा के बाद 8 अप्रैल को फिजिकल एवं कागजात सत्यापन के बाद 17 जून 2021 की तिथि को जारी मेरिट लिस्ट में इनका नाम सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित हुआ है। जिसे लेकर यह काफी खुश है एवं कोरोना संक्रमण के दौरान सभी कोचिग बंद होने के बाद स्वयं अध्ययन के बल पर दारोगा की परीक्षा में सफलता प्राप्त की। इन सभी में सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि दिसंबर 2020 में इनकी दादी का देहांत हो गया। जिसके महज 10 दिन के बाद इनके एक भाई का भी असमय देहांत हो गया। जिस वजह से पूरा परिवार टूट गया। 10 दिनों के अंदर दो-दो मौतें हुई, परिजनों के मुताबिक दादी की तो उम्र हुई थी लेकिन 20 वर्षीय भाई की अचानक मौत हो जाने से पूरा परिवार सदमे में था। इसी बीच इनके द्वारा अपनी तैयारी की गई और दारोगा के पद पर चयन हुआ। हालांकि बड़े भाई सचिन चौरसिया के द्वारा भी दारोगा के पद के लिए अप्लाई किया गया था लेकिन वह सफल ना हो सके, फिर भी पुत्री के चयन होने पर परिजनों में खुशी का माहौल है।