कैमूर में बेड के अभाव में फर्श पर हो रहा इलाज

जिले के पहाड़ी प्रखंड अधौरा के कई गांव डायरिया की चपेट में आ गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 11:21 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 11:21 PM (IST)
कैमूर में बेड के अभाव में फर्श पर हो रहा इलाज
कैमूर में बेड के अभाव में फर्श पर हो रहा इलाज

कैमूर : जिले के पहाड़ी प्रखंड अधौरा के कई गांव डायरिया की चपेट में आ गए हैं। इसमें रौता, बाहादाग और मुख्यालय अधौरा गांव के वार्ड नंबर पांच में डायरिया का प्रकोप अधिक है। रौता गांव की संगीता कुमारी, कबूतरी देवी 70 वर्ष, तेतरी देवी 50 वर्ष, जंगबहादुर सिंह 40 वर्ष, जामवंत सिंह 35 वर्ष, भोली देवी 40 वर्ष, सहादुर सिंह, बाहादाग गांव की 25 वर्षीय शारदा देवी तथा अधौरा गांव के वार्ड नंबर पांच के गंगा साह 60 वर्ष डायरिया से ग्रसित हैं। निजी वाहनों से सभी मरीजों को उनके परिजनों द्वारा अधौरा पीएचसी लाया गया है। जहां इनका इलाज किया जा रहा है।

उधर पीएचसी की व्यवस्था को लेकर मरीजों के परिजनों ने नाराजगी व्यक्त की है। परिजनों का कहना है कि बेड के अभाव में फर्श पर लिटा कर इलाज किया जा रहा है। बेड भी काफी गंदा है। इसके चलते मरीजों को भी काफी परेशानी हो रही है। बता दें कि पहाड़ी प्रखंड अधौरा जिला मुख्यालय से काफी दूर है। इसके चलते यहां से मरीजों को भभुआ ले जाना काफी मुश्किल भरा काम है। बरसात के मौसम में डायरिया, मलेरिया आदि का प्रकोप हर साल होता है। बीते दिनों मलेरिया से बचाव के लिए कुछ गांवों में दवा का छिड़काव किया गया। लेकिन अब तक डायरिया से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुछ नहीं किया। जिसका परिणाम हुआ कि एक साथ अधौरा प्रखंड के कई गांव डायरिया की चपेट में आ गए। जबकि स्वास्थ्य विभाग की टीम को यह जानकारी है कि चैनपुर प्रखंड के इसिया गांव में डायरिया के चलते दो बच्चियों की मौत हो गई है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट नहीं हुआ। इस संबंध में पीएचसी प्रभारी डॉ श्रषिकांत पांडेय ने कहा कि जो व्यवस्था उपलब्ध है उसी से काम चलाना पड़ रहा है। बेड के अभाव में तीन मरीज को फर्श पर लिटाया गया है और उनका इलाज चल रहा है।

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