कैमूर जिले को आवंटित डीएपी खाद पहुंची बिस्कोमान भवन

खाद की अनुपलब्धता को लेकर किसानों की रबी की बोआई पिछड़ने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 11:20 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 11:20 PM (IST)
कैमूर जिले को आवंटित डीएपी खाद पहुंची बिस्कोमान भवन
कैमूर जिले को आवंटित डीएपी खाद पहुंची बिस्कोमान भवन

कैमूर। खाद की अनुपलब्धता को लेकर किसानों की रबी की बोआई पिछड़ने लगी है। गेहूं की ससमय बोआई कैसे होगी इसकी चिता किसानों को सता रही है। धान कटनी के साथ खेतों में बोआई का कार्य प्रारंभ हो गया है। हार्वेस्टिग के साथ खर पतवार इकट्ठा कर किसान खेतों को खाली कर गेहूं की बोआई करने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही है। डीएपी खाद नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश भी देखा जा रहा है। काफी इंतजार के बाद मंगलवार को खाद बिस्कोमान भवन में पहुंच गई। जबकि जिले को 16 हजार बोरी इफ्को के डीएपी खाद का आवंटन हुआ है। जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। अधिकारियों द्वारा इसकी सूचना दो दिन पहले ही दे दी गई कि किसानों को रबी फसल की बोआई के लिए डीएपी खाद आ रही है। लेकिन तीन दिन बाद डीएपी खाद बिस्कोमान भवन में पहुंची। पहले किसान खाद मिलने का बिस्कोमान भवन पर आकर इंतजार करते थे। अब बिस्कोमा भवन के अधिकारी खाद आने का इंतजार कर रहे हैं। महीनों से डीएपी खाद के नहीं होने से किसान परेशान हैं। कारण की उनके खेतों में बोआई नमी रहने के बावजूद भी खाद नहीं मिलने के कारण बाधित है। नवंबर महीना पूरा बीत गया, लेकिन डीएपी खाद एक बोरी भी किसानों को नहीं मिली। 15 दिसंबर के बाद की बोआई का कोई मतलब भी नहीं रह जाता है। ऐसे में किसानों को उन्नत खेती का गुर सिखाने वाले कृषि विशेषज्ञों की बात बेमानी साबित होगी। शादी विवाह का मौसम भी शुरू हो गया है। खेती पर ही किसानों का सारा दारोमदार है। इसी अर्थव्यवस्था पर उनकी बेटी का हाथ भी पीला होना है। लेकिन न तो उनके खेत में उपज हुए धान की खरीदारी करने को कोई एजेंसी सामने आ रही है और न ही रबी के बोआई के लिए डीएपी खाद ही किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है।

इस संबंध में बिस्कोमान भवन के सहायक प्रबंधक बबन सिंह ने बताया कि क्या करें हमलोग खुद ही तीन दिनों से बिस्कोमान भवन पर खाद आने का इंतजार कर रहे थे। 26 हजार बोरी डीएपी खाद इफ्को की जिले को आवंटित हुई है। जिसमें रामगढ़ को दो हजार बोरी खाद मिली है। स्टाक का सत्यापन हो जाएगा तो बुधवार से नहीं तो गुरुवार से खाद किसानों को पूर्व के रेट पर वितरित होगी।

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