श्रद्धालुओं ने की मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना

जमुई। नगर क्षेत्र सहित जिले के सभी वासंती दुर्गा मंदिरों में मूर्तिकार प्रतिमा निर्माण में लगे हैं। बुधवन तालाब स्थित वासंती दुर्गा मंदिर एवं शहर में शुक्रवार को आदिशक्ति मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना भक्ति भाव से की गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 06:41 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 06:41 PM (IST)
श्रद्धालुओं ने की मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना
श्रद्धालुओं ने की मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना

जमुई। नगर क्षेत्र सहित जिले के सभी वासंती दुर्गा मंदिरों में मूर्तिकार प्रतिमा निर्माण में लगे हैं। बुधवन तालाब स्थित वासंती दुर्गा मंदिर एवं शहर में शुक्रवार को आदिशक्ति मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना भक्ति भाव से की गई। लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए श्रद्धालु घर पर ही पूजा अर्चना कर रहे हैं। शुक्रवार संध्या आरती के समय महिलाएं मंदिर परिसर में दीप जलाने आती हैं।

शनिवार को मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा होगी। मां के इस रूप की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। साथ ही परम सुख की प्राप्ति होती है। इनकी 4 भुजाएं हैं। मां का आसन कमल है। यही कारण है कि इन इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। इनका वाहन सिंह है। श्रद्धालु भक्तों का मन समस्त लौकिक, सांसारिक, मायिक बंधनों से विमुक्त होकर मां के इस स्वरूप में तल्लीन हो जाता है। सच्चे मन से अगर मां स्कंदमाता की आराधना की जाए तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है, मां स्कंदमाता की आराधना कर पूजा अर्चना करने से आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।बसंती दुर्गा मंदिर के सदस्य ने बताया कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर में भक्तों का प्रवेश करने कम ही दिया जा रहा है। हालांकि मंदिर में किसी को आने के लिए मना करने की जरूरत नहीं पड़ रही है। नगर परिषद क्षेत्र के श्रद्धालु भक्त स्वयं ही घरों में रहकर पूजा अर्चना कर रहे हैं। नवरात्र के पांचवें दिन मंदिर में मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना की जाएगी। मंदिर के पुजारी, पदाधिकारी एवं सदस्य ने भक्तों से अपील की है कि गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी घर में ही मां भगवती की आराधना करें। उन्हें भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही मंदिर में सभी के सुख, शांति, कल्याण के साथ कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की जा रही है।

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