रबी महाअभियान को ले जिला स्तरीय कर्मशाला आयोजित

जमुई। जिले में रबी की खेती को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। शहर के शगुन वाटिका में गुरुवार को रबी महाअभियान को लेकर जिला स्तरीय कर्मशाला आयोजित कर इसका आगाज किया गया। कर्मशाला में कृषि योजना और विभागीय लक्ष्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। खेती को सिर्फ पेट भरने तक की सोच से आगे बढ़ाकर व्यवसायिक रूप देने पर जोर दिया गया। खर्च की बचत और उत्पादकता बढ़ाने का मंत्र दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 06:00 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 06:00 PM (IST)
रबी महाअभियान को ले जिला स्तरीय कर्मशाला आयोजित
रबी महाअभियान को ले जिला स्तरीय कर्मशाला आयोजित

जमुई। जिले में रबी की खेती को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। शहर के शगुन वाटिका में गुरुवार को रबी महाअभियान को लेकर जिला स्तरीय कर्मशाला आयोजित कर इसका आगाज किया गया। कर्मशाला में कृषि योजना और विभागीय लक्ष्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। खेती को सिर्फ पेट भरने तक की सोच से आगे बढ़ाकर व्यवसायिक रूप देने पर जोर दिया गया। खर्च की बचत और उत्पादकता बढ़ाने का मंत्र दिया गया।

पटना से आए सूचना, कृषि विभाग के उप निदेशक (शष्य) राजेंद्र वर्मा, जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश चंद्र, गन्ना विकास पदाधिकारी रमेश प्रसाद, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी शक्ति कुमार, परियोजना निदेशक आत्मा पंकज सिंह, सहायक निदेशक उद्यान रुपेश अग्रवाल, वरीय विज्ञानी व केविके प्रमुख डा. सुधीर कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कर्मशाला का शुभारंभ किया। मौके पर उपनिदेशक शष्य ने योजना को धरातल पर उतारने के लिए किसानों को प्रेरित करने का निर्देश दिया। डीएओ ने सरकार द्वारा संचालित योजना यथा मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना, जीरो टिलेज से गेहूं की खेती आदि की जानकारी दी। बताया कि विभिन्न योजना के तहत जिले में 1994.40 क्विंटल गेहूं बीज, 1665 क्विंटल चना बीज, 682.32 क्विंटल मसूर बीज, पांच क्विंटल मटर बीज, 25 क्विंटल जौ बीज, पांच क्विटल तीसी बीज तथा 60 क्विंटल राई, सरसों बीज अनुदानित दर पर वितरण का लक्ष्य रखा गया है। कर्मशाला में कृषि विज्ञानी डा. सुधीर सिंह ने बताया कि सही समय पर बोआई होने से गेहूं की उत्पादकता बढ़ती है। जीरो टिलेज मशीन से बोआई पर खर्च की बचत के साथ उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है। आत्मा के परियोजना निदेशक ने संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि गांवों में कृषि पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। आत्मा द्वारा किसानों को जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय और अंतरराज्य स्तरीय प्रशिक्षण के लिए बाहर भेजा जाता है। मशरूम खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सहायक निदेशक उद्यान ने पपीता, कटहल, आम सहित सब्जी के पौधे उपलब्ध कराने की संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना अंतर्गत ड्रीप एरिगेशन योजना की विस्तार से जानकारी दी। सहायक निदेशक रसायन ने मिट्टी जांच के महत्व व फायदे के बारे में जानकारी दी। साथ मृदा स्वास्थ्य कार्ड से लाभ और कितनी मात्रा में उर्वरक खेत में दिया जाए इसपर जानकारी दी। कर्मशाला में मंच संचालन कृषि समन्वयक रंजीत कुमार ने किया। इस अवसर पर कृषि समन्वयक पंकज कुमार, मधुकर, राजेश राज सहित अन्य कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार और कृषक मौजूद थे।

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