शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है सरौन उत्क्रमित उच्च विद्यालय

संवाद सूत्र सरौन(जमुई) बिहार सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाख दावा क्यों न करे पर धरातल पर कहानी कुछ और ही है। खासकर जितने भी मध्य विद्यालय को उच विद्यालय एवं प्लस टू में उत्क्रमित किया गया है वहां की स्थिति काफी चौंकाने वाली हैं। सूबे में लगभग सभी पंचायतों के एक एक मध्य विद्यालय को उच विद्यालय में उत्क्रमित किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 06:22 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 06:22 PM (IST)
शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है सरौन उत्क्रमित उच्च विद्यालय
शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है सरौन उत्क्रमित उच्च विद्यालय

फोटो- 10

संवाद सूत्र, सरौन(जमुई) : बिहार सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाख दावा क्यों न करे पर धरातल पर कहानी कुछ और ही है। खासकर जितने भी मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय एवं प्लस टू में उत्क्रमित किया गया है वहां की स्थिति काफी चौंकाने वाली हैं। सूबे में लगभग सभी पंचायतों के एक एक मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित किया गया है। उन विद्यालयों में लाखों की लागत से विशाल भवन का भी निर्माण ससमय पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही पुस्तकालय के साथ-साथ प्रयोगशाल पर भी लाखों खर्च किए गए हैं, लेकिन ऊपर से विद्यालय जितना शानदार दिखता है अंदर से उसकी स्थिति उतनी ही दयनीय है। इन विद्यालयों को अब तक शिक्षक नसीब नहीं हो पाया है। चकाई प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय सरौन की भी स्थिति ऐसी ही है। वर्ष 2014 में मध्य विद्यालय सरौन को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय बना दिया गया। पुन: वर्ष 2020 में इस विद्यालय में 12वीं की पढ़ाई शुरू हो गई। उत्क्रमित होने के बाद 2015 में लाखों की लागत से बने शानदार भवन का शिलान्यास भी तत्कालीन विधायक सुमित कुमार सिंह ने किया। साथ ही प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लास पर लाखों खर्च किए गए, लेकिन बच्चों का दुर्भाग्य अबतक विज्ञान के एक शिक्षक के अतिरिक्त दूसरा शिक्षक नहीं मिल पाया। एक शिक्षक के भरोसे ही नवम, दशम, ग्यारहवीं एवं बारहवीं की कक्षाएं संचालित हो रही है। प्रयोगशाल का भी संचालन बिना लैब टेक्नीशियन के ही हो रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों को कितनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पाती होगी। सबसे बड़ी बात तो ये है कि इस दौरान मैट्रिक की परीक्षा में यहां से सैकड़ों बच्चे सफल होकर आगे की पढ़ाई भी कर रहे हैं। अभी भी वर्ग नवम एवं दशम में कुल 515 छात्र एवं छात्राएं एवं बारहवीं में 39 बच्चे अध्ययनरत हैं। साथ ही ग्यारहवीं में नामांकन की प्रक्रिया पूरे जोर शोर से जारी है। इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापक सतेंद्र सिंह ने बताया कि शिक्षक की कमी के कारण वर्ग व्यवस्था के संचालन में कई तरह की दिक्कतें आती है। केवल एक शिक्षक के सहारे वर्ग व्यवस्था का संचालन नहीं हो पाने की स्थिति में मध्य विद्यालय के शिक्षकों का सहयोग लिया जाता है। ये स्थिति केवल सरौन की है ऐसा नहीं है। प्रखंड में कई ऐसे उच्च विद्यालय हैं जहां एक या दो शिक्षक के भरोसे वर्ग व्यवस्था का संचालन होता है। कई विद्यालय तो ऐसे भी हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है। इन विद्यालयों में अन्य विद्यालय के शिक्षकों का प्रतिनियोजन कर वर्ग व्यवस्था का संचालन किया जा रहा है।

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