पहले दिन दो फीसद से भी कम रही छात्रों की उपस्थिति
जमुई। कोरोना संक्रमण से भले ही लोग खुद लापरवाही बरत रहे हों लेकिन बचों के प्रति बहुत सतर्क हैं। इसकी बानगी सोमवार को तब दिखी जब स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति लगभग नगण्य सी रही।
जमुई। कोरोना संक्रमण से भले ही लोग खुद लापरवाही बरत रहे हों, लेकिन बच्चों के प्रति बहुत सतर्क हैं। इसकी बानगी सोमवार को तब दिखी जब स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति लगभग नगण्य रही। जो बच्चे स्कूल पहुंचे भी थे वह सहमे-सहमे दिखे। आलम यह था कि शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में भी बच्चों की उपस्थिति महज दो फीसद के आसपास थी।
जिले भर की बात करें तो यह आंकड़ा डेढ फीसद के आसपास बताई जाती है। छात्र-छत्राओं की अनुपस्थिति स्पष्ट संकेत है कि बच्चों के सवाल पर अभिभावक कोई जोखिम लेने के पक्ष में फिलहाल नहीं दिख रहे। यहां यह बताना लाजिमी है कि जिले में अब भी प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक संक्रमण के केस सामने आ रहे हैं। सोमवार को पूरी सतर्कता व गाइडलाइन का पालन करते हुए जिले में नवम, दशम, 11वीं व 12 वीं की पढ़ाई शुरू की गई। लगभग छह महीने बाद पढ़ाई शुरू होने के बावजूद बच्चे उत्साहित होने के बजाय सहमे थे। शिक्षा विभाग के अनुसार पहले दिन 9 वीं से 11 तक की कक्षा में कुल 1757 बच्चे उपस्थित हुए। जिसमें नवम कक्षा में 855, दशम में 612 तथा 11वीं में 290 छात्र-छात्रा स्कूल पहुंचे। 12 वीं कक्षा के एक भी बच्चे स्कूल नहीं आए। बच्चों को शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए दूर-दूर बैठाया गया। साथ ही तापमान की जांच व सैनिटाइज किया गया। इसके पहले स्कूल के कक्षाओं को भी सैनिटाइज कराया गया था।
---------
कोट
ऐहतियात व सावधानी के साथ पढ़ाई शुरू कराई गई है। स्कूलों को शत-प्रतिशत गाइडलाइन पालन करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही इसकी मॉनीटरिग भी की जा रही है। लापरवाही बरतने वाले विद्यालय प्रधान के उपर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रवि कुमार सिंह, डीईओ