लगातार तीसरी बार राजकीय महोत्सव पर ग्रहण

जमुई। लगातार तीसरी बार भगवान महावीर की जन्मस्थली में राजकीय महोत्सव पर ग्रहण लग गया। लिहाज

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 07:01 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:01 PM (IST)
लगातार तीसरी बार राजकीय महोत्सव पर ग्रहण
लगातार तीसरी बार राजकीय महोत्सव पर ग्रहण

जमुई। लगातार तीसरी बार भगवान महावीर की जन्मस्थली में राजकीय महोत्सव पर ग्रहण लग गया। लिहाजा इस बार भी शनिवार को सादे समारोह में भगवान महावीर की जयंती मनाई जाएगी। इसके पहले 2019 में राजकीय महोत्सव आचार संहिता की भेंट चढ़ा था। तब लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजी थी। इसके उपरांत 2020 के आयोजन को संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन ने ब्रेकडाउन किया था। जैन धर्म के 24 वें तीर्थकर श्रवण भगवान महावीर की जन्मस्थली जमुई का क्षत्रिय कुंडग्राम है। यही कारण है कि वर्ष 2016 से भगवान महावीर की जयंती राजकीय समारोह के साथ लछुआड़ महोत्सव के रुप में मनाने की शुरुआत हुई। इसके लिए सरकार की ओर से पर्यटन विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष लछुआड़ महोत्सव मनाने का फैसला लिया गया तथा नौ लाख का आवंटन सुनिश्चित किया गया। यह आयोजन लछुआड़ स्थित उच्च विद्यालय के मैदान में किया जाता रहा है जबकि जैन समुदाय की ओर से लछुआड़ स्थित महावीर मंदिर के साथ-साथ भगवान की जन्म स्थली क्षत्रिय कुंड ग्राम में भव्य तरीके से किया जाता रहा है। हालांकि बीते वर्ष भी संक्रमण की मार भगवान के जन्मोत्सव की भव्यता पर ग्रहण लगाया था। इस बार भी वैसी कोई तैयारी नहीं दिख रही है। इसकी वजह स्पष्ट है। सरकार ने धार्मिक स्थलों में किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजन पर पाबंदी लगा दी है। -------- आते हैं हजारों श्रद्धालु 24 वे तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर की जन्मस्थली क्षत्रिय कुंड ग्राम में भगवान का जन्मोत्सव मनाने के लिए हजारों की संख्या में देश विदेश से श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जैन साधुओं का भी आगमन होता है। साथ में भगवान की पहली पूजा के लिए करोड़ों में बोली लगती है। ------ राज्य सरकार के गृह विभाग के फैसले के मुताबिक कोई भी धार्मिक, सामाजिक या राजनीतिक आयोजन नहीं किया जा सकता है यही वजह है कि भगवान महावीर की जयंती पर लछुआड़ महोत्सव का आयोजन नहीं किया जा रहा है। अवनीश कुमार सिंह जिला पदाधिकारी, जमुई।

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