महानवमी पर कन्या पूजन, यज्ञ हवन कर अनुष्ठान की पूर्णाहुति
जमुई। शारदीय नवरात्र की महानवमी पर गुरुवार को देवी सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की गई। घरों व देवी मंदिरों में यज्ञ-हवन आरती व कन्या पूजन अनुष्ठान हुए। नवमी के दिन पर महामाया जगदंबा की पूजा आरती हवन कन्या भोज के साथ शारदीय नवरात्र का विधि-विधान से समापन हो गया है। महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
जमुई। शारदीय नवरात्र की महानवमी पर गुरुवार को देवी सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की गई। घरों व देवी मंदिरों में यज्ञ-हवन, आरती व कन्या पूजन अनुष्ठान हुए। नवमी के दिन पर महामाया जगदंबा की पूजा, आरती, हवन, कन्या भोज के साथ शारदीय नवरात्र का विधि-विधान से समापन हो गया है। महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां का यह स्वरूप भक्तों को सिद्धि प्रदान करता है।
श्रद्धालुओं ने मंदिरों व घरों में मां सिद्धिदात्री की कथा का पाठ किया तथा भक्ति भाव से पूजा व आराधना कर दयामई जगत जननी जगदंबा दुर्गा मां से घर व परिवार की सुख-समृद्धि के लिए कामना किया। सुबह से नगर क्षेत्र के पंच मंदिर स्थित श्री श्री 108 बड़ी दुर्गा महारानी, श्रीकृष्ण सिंह स्टेडियम स्थित वीर कुंवर सिंह पूजा समिति पंडाल, गांधी पुस्तकालय रोड स्थित लाल बाबा दुर्गा मंदिर, पुरानी बाजार स्थित काली मंदिर, सिरचन नवादा मुहल्ला स्थित काली मंदिर सहित नगर के विभिन्न देवी मंदिरों व शक्तिपीठों में मां के पूजा, दर्शन तथा पाठा बलि कराने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित दुर्गा मंदिर में सामूहिक हवन आहुति का आयोजन किया गया। दुर्गा मंदिर के पुरोहित आचार्य ललन झा द्वारा विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण कर हवन कराया गया जिसमें बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालु दुर्गा मंदिर पहुंच कर हवन किया। सुबह से ही देवी मंदिरों एवं घरों में पूजन, हवन व कन्या भोज का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर तक घरों में भी हवन पूजन कन्या भोजन का आयोजन चलता रहा। शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा के समक्ष भी आरती और हवन के लिए श्रद्धालु पहुंचे। पूरे दिन लोग भक्ति भाव में डूबे रहे। नवमी पूजन के साथ ही नवरात्र का समापन भी हो गया। साथ ही घरों व मंदिरों में घट स्थापना करने वालों ने ज्वारा विसर्जन के साथ ही मां को विदाई दी। कुछ लोगों ने दशमी पर विसर्जन किया। नौ दिनों तक चलने वाले मां दुर्गा की उपासना का त्यौहार विधि-विधान से समापन के साथ शुक्रवार को विजया दशमी मनाया गया।