माता गौरी की पूजा को लेकर उमड़े श्रद्धालु

जमुई। महाष्टमी को लेकर टेलवा दुर्गा मंदिर एवं सिमुलतला रेलवे वैष्णवी दुर्गा मंदिर में श्रद्धालु कतारबद्ध पुजा अर्चना करते दिखे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 05:49 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 05:49 PM (IST)
माता गौरी की पूजा को लेकर उमड़े श्रद्धालु
माता गौरी की पूजा को लेकर उमड़े श्रद्धालु

जमुई। महाष्टमी को लेकर टेलवा दुर्गा मंदिर एवं सिमुलतला रेलवे वैष्णवी दुर्गा मंदिर में श्रद्धालु कतारबद्ध पुजा अर्चना करते दिखे। माता के दर्शन को लेकर श्रद्धालु काफी उत्साहित नजर आए। टेलवा मंदिर में मन्नते मांगने व पूर्ण होने वाली श्रद्धालु महिलाएं बड़ी संख्या में बडुआ नदी तट से स्नान कर दंडवत देते हुए माता के दरबार तक पहुंची। टेलवा में रात्रि दो बजे से श्रद्धालु दंडवत के लिए कतार में देखे गए। सिमुलतला रेलवे दुर्गा मंदिर में भी स्नान ध्यान कर श्रद्धालु पूजा अर्चना किया। तड़के जैसे ही वैदिक मंत्रोच्चार के साथ माता गौरी की पूजा-अर्चना की ध्वनि क्षेत्र में गुंजयमान हुआ चहुंओर भक्तिमय माहौल में क्षेत्र जागृत हो उठा। देर रात्रि को परंपरा अनुसार बकरे की बलि दी गई। थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार, अनि कांत प्रसाद, पोतन राम चौधरी, सहायक अवर निरीक्षक मनोज कुमार, जोगेंद्र प्रसाद सिंह के साथ होमगार्ड के जवानों के साथ एसएसबी निरीक्षक मुकेश कुमार के साथ दर्जनों जवान लगातार गश्ती करते देखे गए।

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फोटो- 13 जमुई- 23

संवाद सूत्र, लक्ष्मीपुर(जमुई): इतिहासिक गौरा दुर्गा मंदिर परिसर में मां की आराधना को लेकर प्रखंड के दूर दराज गांव से अपनी-अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर दंडवत देने वाले श्रद्धालुओं का ताता अहले सुबह से ही लग गया। इस मंदिर में दंडवत देने की परंपरा कलश स्थापना से शुरू हो जाती है। अष्टमी को बड़ी संख्या में श्रद्धालु दंडवत देते हैं। बुधवार को भी श्रद्धालुओं ने गौरा नदी में स्नान कर नदी से दंडवत देते हुए मंदिर परिसर पहुंचकर अष्टमी के मौके पर महागौरी का पूजा अर्चना किया। श्रद्धालु अपने स्वजनों की मंगल कामना के लिए माता से झोली फैला कर आशीर्वाद मांगा। गांव के बुजुर्गों के अनुसार यह परंपरा लगभग 100 वर्ष पूर्व से चली आ रही है। इस मंदिर में प्रतिमा स्थापित के बाद से ही बलि चढ़ाने की प्रथा है। जब तक प्रतिमा स्थापित रहेगी तब तक हर दिन माता को बलि दी जाएगी।

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