लाहाबन दुबे बाबा मंदिर में श्रद्धा एवं उत्साह से वार्षिक पूजा संपन्न

जमुई। सोमवार को चकाई प्रखंड के सिमुलतला थाना क्षेत्र के कल्याणपुर पंचायत अंतर्गत गादीप्याफेड गांव स्थित पौराणिक दुबे मंदिर में विधि-विधान पूर्वक वार्षिक पूजा सम्पन्न हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 06:25 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 06:25 PM (IST)
लाहाबन दुबे बाबा मंदिर में श्रद्धा एवं उत्साह से वार्षिक पूजा संपन्न
लाहाबन दुबे बाबा मंदिर में श्रद्धा एवं उत्साह से वार्षिक पूजा संपन्न

जमुई। सोमवार को चकाई प्रखंड के सिमुलतला थाना क्षेत्र के कल्याणपुर पंचायत अंतर्गत गादीप्याफेड गांव स्थित पौराणिक दुबे मंदिर में विधि-विधान पूर्वक वार्षिक पूजा सम्पन्न हुआ। महिला पुरुष श्रद्धालु तड़के पास के नदी, जल सरोवर व जोर से स्नान कर दंडवत देते हुए बाबा के दरबार तक पहुंचे।

बाबा दुबे को दस-ग्यारह क्विंटल दूध से बने महाप्रसाद से बाबा का भोग लगाया गया। क्षेत्र के ब्राह्मणों सहित श्रद्धालुओं को बाबा के चढ़े प्रसाद का वितरण किया गया। ऐसी मान्यता है कि जहरीला से जहरीला विषधर जंतु के काटने के बाद वह व्यक्ति बाबा के दरबार में पहुंचता है तो बाबा का नीर पीते ही भला चंगा हो जाता है। पूजा के दौरान दर्जनों लोग अपनी आपबीती सुनाई। बाबा के प्रति श्रद्धा-भाव रखने वाले हजारों क्षेत्रवासी वार्षिकोत्सव में शामिल होते है। मंदिर के वार्षिक पूजा के पुजारी अशोक पांडेय, गोपाल कृष्ण पांडेय एवं नियमित पुजारी कारू राय, रामसूरत राय ने बताया कि बाबा के मंदिर में क्षेत्र के 52 गांव के किसानों का गाय का दूध वार्षिक पूजा में चढ़ावा के लिए स्वेच्छा से लाते है। बाबा के प्रति 52 गांवों के किसान का भक्ति-भाव इस प्रकार का है कि भद्रा नक्षत्र आते ही तला हुआ सामान मसलन पुआ, पकवान और दूध से बने कोई व्यंजन नहीं बनाते। मंदिर का निर्माण 1346 ई. में तत्कालीन जमींदार साधु सरण राय के पूर्वज द्वारा कराया गया था। रिवाज के अनुसार मंटू पंडित के पूर्वज द्वारा भोग के लिए चूल्हे का निर्माण करते है। मंदिर के सेवक शंकर रवानी एवं अशोक रवानी कहते हैं कि बाबा के शरण में 52 गांव के ग्रामीण के अलावा झारखंड के देवघर, गिरिडीह सहित बांका एवं जमुई के अलावा दूर दराज के श्रद्धालु आते है। पूजा की निगरानी स्थानीय प्रशासन के साथ युवा जन कल्याण शक्ति के सदस्य युगल किशोर पंडित, कृष्णदेव पंडित उर्फ कारू पंडित, दीपक कुमार, रोहित यादव, गोलू कुमार, विवेक राय, निपुण राय, अंतु कुमार, सुभाष कुमार, गजानंद पंडित, पिटू कुमार, गुड्डू कुमार के साथ ग्रामीण नुनेश्वर पंडित, सरपंच श्रीधर पंडित, जीतू पंडित, समर पंडित, प्रदीप कुमार, मनोज पंडित द्वारा किया जा रहा था।

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