ग्रामीण मुर्गी पालन में कृमि नाशक दवा है उपयोगी
जमुई। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना द्वारा अंगीकृत मुर्गी ग्राम के लिए प्रशिक्षण सह चूजा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जमुई। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना द्वारा अंगीकृत मुर्गी ग्राम के लिए प्रशिक्षण सह चूजा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. पंकज कुमार उपनिदेशक ने कृषि विज्ञान केंद्र जमुई ने कहा कि मुर्गी पालन में कृमि नाशक दवा उपयोगी है।
उन्होंने कहा कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना ने देसी मुर्गी की दो नस्लें जो तैयार की है, उनके अंडा देने की क्षमता सामान्य की तुलना में ढाई गुना ज्यादा है। वनराजा नस्ल के मुर्गे 60 दिनों में एक किलो से ऊपर हो जाते हैं जिससे किसानों को अच्छी कीमत प्राप्त होती है। उन्होंने बरहट प्रखंड के कदुआतरी गांव के 25 किसानों को वनराजा मुर्गी के चूजे उपलब्ध कराए। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि बासु पटना द्वारा जिले के कई गांव को विभिन्न तकनीकों से लबरेज करने के लिए गोद लिया गया है। इसके तहत लगातार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं आज कदुआतरी गांव के किसानों को मुर्गी के चूजे के साथ आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गई। इस कड़ी में कल लालमटिया गांव जो बकरी ग्राम के रूप में विश्वविद्यालय द्वारा नामित है वहां विशेष रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित की जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय से नामित नोडल पदाधिकारी डॉ. सरोज कुमार जमुई पहुंच चुके हैं और शुक्रवार को अपना कार्यक्रम करेंगे। ग्रामीण स्तर पर बकरी पालन की एक छोटी इकाई कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में शुरू की जा रही है इसके लिए उन्होंने कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह को धन्यवाद दिया।