कोरोना की तीसरी लहर से निबटने की तैयारी में जुटा विभाग
जमुई। विशेषज्ञों ने सितंबर से अक्टूबर के बीच कोरोना की तीसरे लहर के आने की संभावना के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है। सदर अस्पताल में 120 बेड का डेडिकेटेड शिशु केयर सेंटर बनाया जाएगा।
जमुई। विशेषज्ञों ने सितंबर से अक्टूबर के बीच कोरोना की तीसरे लहर के आने की संभावना के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है। सदर अस्पताल में 120 बेड का डेडिकेटेड शिशु केयर सेंटर बनाया जाएगा। फिलहाल, 20 बेड का कार्य पूरा हो चुका है। जिसका उद्घाटन डीएम अवनीश कुमार सिंह करेंगे।
सिविल सर्जन डा. अजय कुमार भारती ने बताया कि आबादी के हिसाब से जांच पर अधिक जोर दिया जाएगा। ट्रैकिग सिस्टम को भी मजबूत किया जाएगा ताकि समय रहते कोरोना की रिपोर्ट जल्द आए। वर्तमान में सबसे प्रभावी जांच आरटी-पीसीआर है। इसकी रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन लग जाता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। चलंत वाहन का अधिक उपयोग किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक जांच भेजी जा सके और इसकी रिपोर्ट भी जल्दी आ सके। उन्होंने बताया कि इस लहर के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए आक्सीजन प्लांट भी बनकर तैयार हो चुका है।
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जांच में कमी और लापरवाही से दूसरी लहर ने बरपाया कहर
कोरोना की दूसरी लहर ने बहुतों की सांसें छीन ली। चारों ओर खौफ का माहौल छाया रहा। लोग अस्पताल जाने से भी परहेज करते रहे। दूसरी लहर में कोरोना की तीव्रता और आक्रामक रूप का मुख्य कारण लोगों की लापरवाही थी। लोग काफी देर के बाद सचेत हुए। स्वास्थ्य विभाग की जांच प्रक्रिया भी धीमी रही। एंटीजन किट के अलावा आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट आने में 8 से 10 दिन लगते थे। इसके अलावा आक्सीजन की भी समस्या कई बार सामने आई थी।
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खली स्वास्थ्य कर्मियों की कमी
दूसरे लहर के दौरान डाक्टर के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों की काफी कमी खली थी। कोविड केयर में आधा से भी कम डाक्टर व एएनएम थे। जिस वजह से स्वास्थ्य पदाधिकारी के साथ-साथ कर्मियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। डाक्टर को आठ घंटे की बजाए 12 घंटे ड्यूटी करनी पड़ रही थी। जब सरकार द्वारा डाक्टर की बहाली की गई तो कुछ राहत मिली। बता दें कि कोरोना के प्रथम लहर में नौ और दूसरी लहर में 95 कुल 104 व्यक्ति की अभी तक मौत हुई है।