राशि लूट में फिट नहीं बैठ रही घटनाक्रम

जमुई। लूट की केमिस्ट्री में घटना का फार्मूला फिट नहीं बैठ रहा है। या यूं कहें कि लूट की कहानी गले के नीचे नहीं उतर पा रही है। संपूर्ण घटनाक्रम और कंपनी के अधिकृत कर्मी का संदिग्ध बयान कई सवालों को जन्म दे रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 06:34 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 06:34 PM (IST)
राशि लूट में फिट नहीं बैठ रही घटनाक्रम
राशि लूट में फिट नहीं बैठ रही घटनाक्रम

जमुई। लूट की केमिस्ट्री में घटना का फार्मूला फिट नहीं बैठ रहा है। या यूं कहें कि लूट की कहानी गले के नीचे नहीं उतर पा रही है। संपूर्ण घटनाक्रम और कंपनी के अधिकृत कर्मी का संदिग्ध बयान कई सवालों को जन्म दे रहा है।

बताया जाता है कि 15 अप्रैल की सुबह 10:15 बजे अपराधियों ने लूट की घटना को अंजाम दिया। घटना स्थल रजिस्ट्री ऑफिस से महज दो सौ फीट की दूरी पर है और लूटी गई राशि जमीन निबंधन के लिए चालान की जमा राशि थी। यहां यह बताना लाजिमी है कि सरकार ने ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की है जिसमें निजी कंपनी को चालान काटने का ठेका दिया गया है। उक्त कंपनी द्वारा एक काउंटर खोलकर रंजन कुमार यादव नामक कर्मी को तैनात किया गया है। बताया जाता है कि लूट की वारदात के वक्त कंपनी का काउंटर भी खुला था, जहां लल्लू नामक युवक विराजमान था और रंजन के साथ लड्डू नामक एक युवक भी था। बड़ी बात यह है कि लूटी गई राशि 12 और 13 अप्रैल को चालान से प्राप्त हुई थी। नियमानुसार चालान से प्राप्त राशि प्रत्येक दिन कार्य अवधि समाप्त होने से चंद मिनट पूर्व बैंक में जमा करा दिया जाना है। 12 अप्रैल को प्राप्त राशि लगभग 1.89 लाख तथा 13 अप्रैल को चालान से आमद राशि लगभग 2.30 लाख 13 तारीख की शाम तक जमा नहीं किया गया। 14 अप्रैल बुधवार को आंबेडकर जयंती की छुट्टी बैंकों में होगी। सवाल यह भी है कि जमा करने का कोई नियत समय निर्धारित नहीं था। ऐसे में लुटेरों के लिए वारदात को अंजाम देना आसान नहीं था। लिहाजा शक की सुई रंजन के दो सहयोगियों की ओर ही पुलिस की जा रही है। पुलिस भी मामले को संदिग्ध मानकर छानबीन कर रही है। पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार मंडल ने बताया कि रंजन के दो अन्य सहयोगियों में से एक युवक पहले भी एक घटना में जेल जा चुका है। फिलहाल केस दर्ज कर मामले की पड़ताल की जा रही है।

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