घर में ही भक्तों ने बाबा भोले का किया जलाभिषेक

जमुई। सावन की आखिरी सोमवारी पर भी भक्तों ने घर में ही बाबा भोलेनाथ की पूजा की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 07:47 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 06:09 AM (IST)
घर में ही भक्तों ने बाबा भोले का किया जलाभिषेक
घर में ही भक्तों ने बाबा भोले का किया जलाभिषेक

जमुई। सावन की आखिरी सोमवारी पर भी भक्तों ने घर में ही बाबा भोलेनाथ की पूजा की। शिवालयों में भीड़ नहीं रही। अधिसंख्य मंदिर के द्वार पर ताला लगा रहा। सुबह से ही श्रद्धालु जलाभिषेक की तैयारी में जुटे दिखे।

खैरा : सावन की अंतिम सोमवारी पर खैरा प्रखंड क्षेत्र के मंदिर गिद्धेश्वरनाथ मंदिर में ताला लटका रहा। मंदिर के मुख्य द्वार बंद रहे। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट नहीं खोले गए। अधिसंख्य श्रद्धालु निराश होकर वापस घर लौट गए। इस बार भी श्रद्धालु अपने-अपने घरों में ही पूजा-अर्चना की। मंदिर के सिर्फ पुजारी व मंदिर कमेटी से जुड़े लोगों को ही पूजा करने की अनुमति दी गई। हालांकि, कुछ भक्तजन बाहर से ही बाबा के दर्शन को पहुंचे। कोरोना के संक्रमण के कारण भक्तजन इस बार मंदिर में पूजा-अर्चना नहीं कर पाए। मंदिर में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए केवल पुजारी द्वारा विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर पट बंद कर दिया गया। मंदिर के बाहर सन्नाटा पसरा रहा।

सिमुलतला : श्रावण मास की अंतिम सोमवारी पर हर-हर महादेव के करतब ध्वनि से सिमुलतला क्षेत्र के शिवालय एवं देवालय गुंजायमान हुआ। महिला-पुरुष शिवभक्त सुबह से ही नजदीक के शिवालय एवं देवालय में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे। जिसमें बड़ी संख्या में युवतियां थी। सिमुलतला बाजार स्थित शिवालय, लट्टू पहाड़, खुरंडा के त्रिशूली मंदिर, टेलवा बाजार स्थित शिवालय में श्रद्धालु तड़के से पूजा-अर्चना के लिए देखे गए।

गिद्धौर : श्रावण की पांचवी सोमवारी पर क्षेत्र के श्रद्धालुओं भक्तों ने बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की व कोरोना से क्षेत्र वासियों व अपने स्वजनों के बचाव को ले देवाधिदेव महादेव से कामना की। मंदिरों में भीड़भाड़ की अनुमति नहीं दी गई है जिसकी वजह से शिवालयों में श्रद्धालु न के बराबर ही दिखे। लोगों ने घरों में बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की। गिद्धौर स्थित बाबा बूढ़ानाथ मंदिर, पंच मंदिर, बाबा विकटनाथ, त्रिपुर सुंदरी, रतनपूर शिवालय, गंगरा शिवालय, धोबघट शिवमंदिर, केवाल शिवमंदिर, मौरा शिवालय, सेवा शिवालय आदि क्षेत्र के तमाम शिवालयों में ताला ही लटका रहा। इक्का-दुक्का महिला-पुरुष शिवभक्तों ने बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।

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