नियमों की अनदेखी, खतरे में मंदिर व भक्त
संवाद सूत्र बरहट (जमुई) बालू उठाव की हरी झंडी मिलते ही नियमों की अनदेखी शुरू हो गई है। इसकी बानगी पत्नेश्वर पहाड़ से सटे किउल नदी के स्नान घाट के समीप से बालू का उठाव शुरू हो गया है। इतना ही नहीं पत्नेश्वर मंदिर को जानी वाली मार्ग में स्नान घाट के समीप से बालू उठाव के लिए रास्ता भी बनाया जा रहा है।
फोटो 12 जमुई- 10,11
संवाद सूत्र, बरहट (जमुई): बालू उठाव की हरी झंडी मिलते ही नियमों की अनदेखी शुरू हो गई है। इसकी बानगी पत्नेश्वर पहाड़ से सटे किउल नदी के स्नान घाट के समीप से बालू का उठाव शुरू हो गया है। इतना ही नहीं पत्नेश्वर मंदिर को जानी वाली मार्ग में स्नान घाट के समीप से बालू उठाव के लिए रास्ता भी बनाया जा रहा है।
नियमों की अनदेखी से मंदिर और भक्त खतरे में पड़ सकते हैं। श्रद्धालुओं के लिए यह घातक साबित हो सकता है। मंदिर की सीढ़ी से सटे स्नान घाट के बीच से बालू निकासी खतरे का आमंत्रण देने जैसा है। यहां बता दें कि लगभग चार वर्ष पूर्व इसी जगह पर बालू उठाव से बने गड्डे में डूबकर दो युवक की मौत हो गई थी। इसी तरह कटौना में बालू निकासी के लिए बनाए गए रास्ते में बालू लदे ट्रक से दबकर एक छात्र की भी मौत हुई थी। एक बार फिर इसी प्रकार नदी में रास्ता बनने से खतरे की आशंका बलवती हो रही है। पत्नेश्वरनाथ मंदिर पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में तो पर्व, पूर्णिमा व छठ के दौरान सैकड़ों की संख्या श्रद्धालु नदी में स्नान कर भोलेनाथ की पूजा करते हैं। इस दौरान पत्नेश्वरनाथ मंदिर परिसर में वृहत मेला भी लगता है। ऐसी स्थिति में भारी वाहनों के परिचालन से दुर्घटना की आशंका प्रबल हो जाती है। बाबा पत्नेश्वरनाथ मंदिर के उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिन्हा, कोषाध्यक्ष राजीव कुमार पांडेय ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर मंदिर के रास्ते से बालू के लदे ट्रक, ट्रैक्टर के परिचालन को वर्जित करने की मांग की है। बताया है कि वर्ष 2016 में बालू उठाव से नदी में बने गड्डे में डूबने से पांच युवक की मौत हो गई थी।