खबर से जगी उम्मीद, बेटे का हो सकता इलाज

जमुई। जन्मजात विकृति से ग्रस्त बचों के अभिभावक जागरूकता के अभाव में अधिकृत कार्यालय नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसा इसलिए कि जब जन्मजात विकृति से ग्रस्त बचों की इलाज की सुविधा के संदर्भ में शनिवार को जागरण में खबर प्रकाशित हुई तब इसके बाद शनिवार को ही एक अभिभावक अखबार की फोटो व पीड़ित बचे के साथ जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 06:52 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 06:52 PM (IST)
खबर से जगी उम्मीद, बेटे का हो सकता इलाज
खबर से जगी उम्मीद, बेटे का हो सकता इलाज

जमुई। जन्मजात विकृति से ग्रस्त बच्चों के अभिभावक जागरूकता के अभाव में अधिकृत कार्यालय नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसा इसलिए कि जब जन्मजात विकृति से ग्रस्त बच्चों की इलाज की सुविधा के संदर्भ में शनिवार को जागरण में खबर प्रकाशित हुई तब इसके बाद शनिवार को ही एक अभिभावक अखबार की फोटो व पीड़ित बच्चे के साथ जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय पहुंचे।

स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार करने में जागरण की भूमिका से जरूरतमंदों के बीच उम्मीद पहुंच रही है। सामाजिक सरोकार व जनहित की खबरें जरूरतमंदों की नाउम्मीदी को उम्मीद की नई किरण दिखा रही है। उक्त अभिभावक ने बताया कि खबर पढ़ने के बाद उन्हें इसकी जानकारी मिली। बच्चे के जन्मजात रोग को लेकर पूरा परिवार परेशान है। हर खुशी अधूरी लगती है। दरअसल खैरा प्रखंड के नरियाना के मिथलेश कुमार मोबाइल में अखबार की फोटो व बच्चे को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय पहुंचे थे। इसी कार्यालय में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक का कार्यालय है। बताया कि उनका बेटा सचिद्र कुमार जन्मजात रोग से पीड़ित है। इसकी नौ साल की आयु है, लेकिन सामान्य बच्चों की तरह नहीं रह पाता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक कृष्णमूर्ति ने पिता से पूरी जानकारी ली। उसका पंजीयन किया और जरूरी जानकारी दी। कृष्णमूर्ति ने बताया कि बच्चा मंदबुद्धि है। इसे इलाज के लिए भेजा जाएगा। इधर मिथलेश ने बताया कि वह नाउम्मीद हो गया था। अखबार में खबर पढ़ी तो उम्मीद जगी की उनका बेटा भी ठीक हो सकता है। इस उम्मीद के साथ वह यहां पहुंच गए। उन्होंने कहा कि सच बताएं तो खबर पढ़ने के बाद घर का माहौल खुशगवार हो गया है। उम्मीद जागृत हुई है।

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