बीड़ी मजदूरों की मांगों पर होगा धरना-प्रदर्शन

जमुई। राज्य जनवादी बीड़ी मजदूर यूनियन प्रखंड ईकाई की बैठक कियाजोरी में रुपन साह की अध्यक्षता में हुई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 05:16 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 05:16 PM (IST)
बीड़ी मजदूरों की मांगों पर होगा धरना-प्रदर्शन
बीड़ी मजदूरों की मांगों पर होगा धरना-प्रदर्शन

जमुई। राज्य जनवादी बीड़ी मजदूर यूनियन प्रखंड ईकाई की बैठक कियाजोरी में रुपन साह की अध्यक्षता में हुई। बिहार राज्य जनवादी बीड़ी मजदूर यूनियन संबद्ध एक्टू के जिला संयोजक बासुदेव राय ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार 44 श्रम कानूनों में संशोधन कर 4 श्रम कोड बनाया। जिससे मजदूरों का अधिकार छीना जा रहा है। सरकार द्वारा (विज्ञापन का निषेध और व्यापार का विनियमन और वाणिज्य उत्पादन आपूर्ति और वितरण) संशोधन अधिनियम 2020 को लागू कर बीड़ी उद्योग को बंद करने की साजिश की जा रही है।

बैठक में निर्णय लिया गया कि 15 मार्च को चकाई प्रखंड मुख्यालय के समक्ष बीड़ी मजदूरों की मांगों के सवाल पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग से मांग की जाएगी कि अधिसूचित एक हजार बीड़ी बनाने पर बीड़ी मजदूरों को 292 रुपये दिलायी जाए एवं बीड़ी मजदूरों को पीएफ में नाम दर्ज किया जाए, पेंशन लागू किया जाए, बीड़ी श्रमिकों के कार्य क्षेत्र में ही विशेष शिविर लगाकर परिचय पत्र बनाया जाए एवं बीड़ी श्रमिक अस्पताल शाखा चकाई में खोला जाए। बैठक में प्रखंड संयोजक मु. सलीम अंसारी, राधे साह, बीडी मजदूर सहीना बीबी, रोकसाना खातून, खतीजा बीबी, तमन्ना बीबी बड़की देवी, सावित्री देवी, हेमंती देवी, उर्मिला देवी, चमेली देवी, शहनाज बीबी शगुन बीबी समेत दर्जनों की संख्या में बीड़ी मजदूर उपस्थित थे।

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कोटपा कानून से बीड़ी उद्योग को अलग रखने की मांग पर प्रदर्शन

फोटो- 01 जमुई- 35

संवाद सूत्र, चंद्रमंडी (जमुई): बीड़ी मजदूरों ने सोमवार को बीड़ी उद्योग को कोटपा कानून संशोधन से अलग रखने की मांग को लेकर प्रखंड कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व बीड़ी मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीनदयाल बरनवाल कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग बीड़ी उद्योग से जुड़े हैं। केंद्र सरकार द्वारा कोटपा 2003 कानून में प्रस्तावित संशोधन से यह उद्योग प्रभावित हो जाएगा। जिससे बीड़ी मजदूरों के समक्ष रोजगार की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। बड़ी संख्या में यहां के लोग बीड़ी बनाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। कोटपा कानून में प्रस्तावित संशोधन से बीड़ी मजदूर काफी चितित हैं। उन्होंने मजदूरों के हित में कोटपा के प्रस्तावित संशोधन से बीड़ी उद्योग को अलग रखने की मांग की। बाद में बीड़ी मजदूरों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा श्रम मंत्रालय भारत सरकार के नाम आवेदन बीडीओ की अनुपस्थिति में बीपीआरओ बबुआ पासवान को सौंपकर बीड़ी मजदूरों का रोजगार छीनने से बचाने की मांग की। इस मौके पर चंदन ठाकुर, अशोक पंडित, शिवशंकर बरनबाल, तिरपुरारी रजक, राजू राम, लिलिया देवी,आरती देवी समेत सैकड़ों बीड़ी मजदूर मौजूद थे।

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