सूर्य की तपिश से नक्सल गढ़ में हरियाली की बुनियाद

जमुई। बेरोजगारी और पलायन का दंश झेल रहे नक्सल प्रभावित इलाके के आदिवासियों के जीवन में हरियाली की बुनियाद सूर्य की तपिश से खड़ी होगी। इसके लिए प्रयोग के तौर पर चकाई के दो तथा कटोरिया (बांका) के दो गांव में लिफ्ट इरिगेशन के वास्ते सोलर पंप स्थापित किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 06:10 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 06:10 PM (IST)
सूर्य की तपिश से नक्सल गढ़ में हरियाली की बुनियाद
सूर्य की तपिश से नक्सल गढ़ में हरियाली की बुनियाद

जमुई। बेरोजगारी और पलायन का दंश झेल रहे नक्सल प्रभावित इलाके के आदिवासियों के जीवन में हरियाली की बुनियाद सूर्य की तपिश से खड़ी होगी। इसके लिए प्रयोग के तौर पर चकाई के दो तथा कटोरिया (बांका) के दो गांव में लिफ्ट इरिगेशन के वास्ते सोलर पंप स्थापित किया गया है।

यह प्रयोग इलाके में आदिवासियों की समृद्धि के लिए काम कर रही संस्था प्रदान, सौर ऊर्जा कंपनी सेल्को और किसानों के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है। इससे वर्षा जल का समुचित उपयोग के साथ-साथ खेती की लागत भी कम होगी। डीजल से पटवन वैसे भी महंगा है। साथ ही बिजली बिल के झंझट से भी मुक्ति मिल जाएगी। परिसंपत्ति लंबे समय तक सुरक्षित रहे इसके लिए योजना में किसानों की भी भागीदारी सुनिश्चित की गई है। कुल लागत राशि का 20 फीसद भागीदारी किसानों की तथा शेष 80 फीसद संस्था की है। फिलहाल यह प्रयोग चकाई पंचायत के शेरवारी तथा गजही पंचायत के विझी गांव में किया गया है। यहां चेकडैम के सहारे जोरिया में प्रवाहित पानी को संचित कर सोलर पंप के माध्यम से लिफ्ट कर खेतों तक पहुंचाने का काम आरंभ कर दिया गया है।

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जोरिया का पानी भी नहीं होगा बर्बाद

लाभान्वित किसान सोनालाल हांसदा, शिवलाल हांसदा, दिलीप कुमार, राकेश कुमार ने बताया कि बारिश की उम्मीद में उन लोगों की खेती चौपट हो जाती थी। अक्सरहां लागत पूंजी भी डूब जाती थी। अब जोरिया का पानी भी बर्बाद नहीं होगा और हम लोगों का खेत भी आबाद होगा। फलस्वरुप काम की तलाश में पलायन पर भी विराम लगेगा।

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कोट

सामुदायिक उद्वह सिचाई का मुख्य मकसद असिचित भूमि को सिचित बनाना और किसानों को कम लागत पर खेती की सुविधा उपलब्ध कराना है। सिचाई की सुविधा उपलब्ध हो जाने से किसानों की समृद्धि बढ़ेगी।

अनिता कुमारी, प्रदान

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कोट

सामुदायिक उद्वह सिचाई योजना से तकरीबन 25 एकड़ में सिचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है। फलत: दो दर्जन से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

नीरज कुमार, सीनियर मैनेजर सेल्को

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