सड़क निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

जमुई। बरहट प्रखंड अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत जमुई खड़गपुर पीडब्ल्यूडी मुख्य म

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Mar 2021 07:26 PM (IST) Updated:Fri, 19 Mar 2021 07:26 PM (IST)
सड़क निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
सड़क निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

जमुई। बरहट प्रखंड अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत जमुई खड़गपुर पीडब्ल्यूडी मुख्य मार्ग से चाक टोला भदबरिया पथ निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने संवेदक पर गुणवत्ताविहीन निर्माण करने का आरोप लगाया। ग्रामीण अमरेश यादव, श्री यादव, सुनील यादव, पप्पू यादव, बबलू यादव, पंकज यादव, फागू यादव, महेश यादव, धर्मेंद्र यादव, सिकंदर यादव, मिश्री यादव, सतीश यादव, नीरज सहित दर्जनों लोगों ने बताया 5 किलोमीटर तक बन रहे सड़क का निर्माण जब शुरू हुआ तो हम ग्रामीणों में खुशी छा गई। लगा कि दशकों बाद अब वे लोग भी पक्की सड़क पर चल सकेंगे। सड़क निर्माण में किसी तरह का व्यवधान ना हो इसके लिए जहां परेशानी हुई वहां ग्रामीणों ने अपनी जमीन स्वेच्छापूर्वक सड़क निर्माण में दे दिया। संवेदक द्वारा कार्य शुरू भी करा दिया गया। कितु विकास के नाम पर पदाधिकारियों की मिलीभगत से लूट का खेल शुरू कर दिया गया। ग्रामीण बताते हैं कि संवेदक द्वारा सड़क किनारे की जमीन काटकर मिट्टी भराई करा दी गई। इसके बाद जेएसबी देने की जगह वन विभाग की जमीन से मिट्टी नुमा मोरम उठाकर डाला जाने लगा। ग्रामीणों को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। ग्रामीण बताते हैं कि उन्होंने संवेदक को नियमानुसार मेटल मोरम डालकर जेएसबी करने को कहा तो उनके आदमी द्वारा केस करने की धमकी दी जाने लगी। कहा गया कि झूठे केस में फंसा देंगे। इस बात से ग्रामीण उत्तेजित हो गए तथा हो हंगामा शुरू कर दिया। स्थिति यह हो गई कि दोनों पक्षों में मारपीट की नौबत आ गई। कितु कुछ लोगों द्वारा मामले को शांत करा दिया गया। फिर शुक्रवार को जैसे ही संवेदक द्वारा कार्य शुरू कराया गया ग्रामीण इकट्ठा हुए और कार्य को बंद करा दिया तथा नियमानुसार कार्य करने की बात कही। बहरहाल कार्य को लेकर ग्रामीणों में तनाव है।

इधर इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार बताते हैं कि उन्हें ऐसी जानकारी नहीं थी। पदाधिकारी को भेजकर दिखवा लेते हैं।

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