गरीबी के कारण स्कूलों से दूर हो रही लड़कियां

पुष्पा और रानी कुमारी अपने मां के काम में हाथ बंटाती है। खाना बनाने से लेकर घर के अन्य कामकाज को सीख रही है। हालांकि उसके चेहरे व बात में स्कूल छोड़ने की कसक दिख रही थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 06:56 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 06:56 PM (IST)
गरीबी के कारण स्कूलों से दूर हो रही लड़कियां
गरीबी के कारण स्कूलों से दूर हो रही लड़कियां

आशीष कुमार चिटू, जमुई। पुष्पा और रानी कुमारी अपने मां के काम में हाथ बंटाती है। खाना बनाने से लेकर घर के अन्य कामकाज को सीख रही है। हालांकि उसके चेहरे व बात में स्कूल छोड़ने की कसक दिख रही थी। जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड की पनौट की पुष्पा कुमारी की मां राधिका देवी ने बड़े ही लाचारगी भरे लफ्जों में कहा कि घर की माली हालत ठीक नहीं है। इसके पिता चेन्नई में मजदूरी करते हैं तब घर का चूल्हा जलता है। हाईस्कूल भी गांव से छह किलोमीटर दूर है। ऐसी ही लाचारगी काला की रानी कुमारी की मां मतिमाया देवी ने बताई। मतिमाया ने कहा कि रानी के पिता नहीं है। किसी प्रकार पेट भर पा रहे हैं। ऐसे में पढ़ाई का खर्चा उठाना मुश्किल है। स्कूल में कितनी पढ़ाई होती है, सबको मालूम है। हम बच्ची को ट्यूशन नहीं पढ़ा सकते थे। पुष्पा और रानी ने चिढ़ते हुए आवेश में जोर से कहा कि क्या कर सकते थे, गरीबी की मजबूरी ने रास्ता रोक दिया। इस दौरान पढ़ाई, सहेलियां व स्कूल के छूटने का दर्द झलक रहा था। यह दर्द और विवशता सिर्फ पुष्पा और रानी की नहीं है। जिले में शैक्षणिक स्तर बदलते ही परिस्थितिवश स्कूल छोड़ने वाली छात्राओं का फीसद 20 से 25 फीसद है। हालांकि स्कूल छोड़ने के मामले में छात्र भी कमतर नहीं है। इसके पीछे स्कूलों में शिक्षकों की कमी व अन्य कारण बताए जाते हैं।

-----------------------

दो वित्तीय वर्ष के अंतर की गई गणना

शिक्षा विभाग की यू डायर्स रिपोर्ट में दो वित्तीय वर्ष में अंतर साफ दिख रहा है। यह रिपोर्ट सरकारी और गैरसरकारी स्कूलों की है। इसकी गणना पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में पांचवीं व अष्टम में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या और वित्तीय वर्ष 2021-21 में कक्षा छह व नवम में अध्ययनरत बच्चों की संख्या के आधार पर की गई है।

--------------

इस वर्ष 12 हजार छात्रा, 10 छात्र ने छोड़ी स्कूल

इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में 12285 छात्रा और 10709 छात्र ने शैक्षणिक स्तर बदलने के बाद स्कूल का रुख नहीं किया। पिछले वित्तीय वर्ष में पांचवीं कक्षा में 28134 बालक, 26503 बालिका, अष्टम वर्ग में 20295 बालक व 19525 बालिका अध्ययनरत थी। इस वित्तीय वर्ष कक्षा छह में 22238 बालक व 21037 बालिका तथा नवम वर्ग 15770 बालक व 14503 बालिका ही अध्ययनरत है। इस प्रकार प्राथमिक से मध्य विद्यालय यानि कक्षा छह में आते ही 5466 बालिका और 5896 बालक की संख्या कम हो गई यानि क्रमश: 20.63 फीसद बालिका और 20.96 बालक स्कूल से दूर हो गए। इसी प्रकार नवम वर्ग में 5022 बालिका और 4525 बालक की संख्या कम हो गई यानि मध्य विद्यालय से उच्च माध्यमिक आते ही क्रमश: 25.72 फीसद और 22.30 फीसद छात्रों ने स्कूल का रुख नहीं किया।

-------------------

कोट

स्कूल से बाहर रह रहे छात्रों की पहचान के लिए गृहवार सर्वेक्षण को गति प्रदान करने के लिए समग्र शिक्षा के डीपीओ को निर्देशित किया गया है।

कपिलदेव तिवारी

जिला शिक्षा पदाधिकारी, जमुई।

chat bot
आपका साथी