नए साल की स्वागत की तैयारी में जुटे लोग
जमुई। वैसे तो नया साल आने में दो सप्ताह का समय है लेकिन नई आशाएं नए सपने और नई उम्मीदों के बीच वर्ष 2020 मनाने की तैयारी में लोग अभी से जुट गए हैं।
जमुई। वैसे तो नया साल आने में दो सप्ताह का समय है, लेकिन नई आशाएं, नए सपने और नई उम्मीदों के बीच वर्ष 2020 मनाने की तैयारी में लोग अभी से जुट गए हैं। नए साल को यागदार बनाने के लिए लोग अपने तरीके से वेलकम करेंगे। कोई घरों में परिवार के बीच तो कोई पिकनिक स्पॉट पर जाकर नए साल का जश्न मनाने का मन बना चुके हैं। बहरहाल नूतन वर्ष 2020 के स्वागत के लिए हर कोई अपने-अपने हिसाब से तैयारियों में जुट गया है।
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फोटो 15 जमुई 29
नए लुक में दिखेगा भीमबांध :
नए साल के स्वागत के लिए लोग जमुई-मुंगेर सीमा पर स्थित भीमबांध जंगल में भी जुटेंगे। घर से दूर प्रकृति की गोद में जश्न मनाने के लिए भीमबांध अच्छी जगह है। दरअसल भीमबांध की खुली वादियां, मनोरम दृश्य और गर्म जल कुंड लोगों को काफी प्रभावित करता है। पिकनिक के लिहाज से यह जगह उपयुक्त मानी जाती है। इस बार यहां पहुंचने वाले सैलानी इको टुरिज्म पार्क का भी आनंद उठाएंगे। बच्चों के लिए झूले और मनोरंजन के अन्य साधनों का विस्तार किया गया है। इसके अलावा महिलाओं व पुरुषों के लिए बनाए गए अलग-अलग कुंड में टाइल्स व फव्वारा लगाया गया है। इसके साथ ही शौचालय व चेंजिग रुम बनाए गए हैं। यू कहें कि इस बार भीमबांध का रुप बदला-बदला सा नजर आएगा।
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फोटो 15 जमुई 30
सैलानियों को आकर्षित कर रहा पंचपहाड़ी :
जिले के महत्वपूर्ण पिकनिक स्पॉट के रूप में अपनी पहचान बना चुका पंचपहाड़ी-अमरावतीधाम की तस्वीर भी पर्यटकों को आकर्षित करेगा। प्रकृति की खूबसूरत चादर में लिपटी पंचपहाड़ी का सौंदर्य नए वर्ष के आगमन पर और भी खिल उठता है। यहां की काली पहाड़ियां, पहाड़ पर निर्मित मंदिर, आश्रम तथा झूमते-गाते पेड़ मानो नववर्ष के आगमन पर लोगों को नूतनता का संदेश दे रहा हो। झाझा-सोनो मुख्य मार्ग पर एनएच 333 के किनारे अवस्थित पंचपहाड़ी की दूरी सोनो से तीन किलोमीटर है। ऐसी बात नहीं की पंचपहाड़ी की पहचान महज पिकनिक स्पॉट के रूप में ही है। आध्यात्मिक व ऐतिहासिक दृष्टि से इसकी अलग और विशिष्ट पहचान है। प्राचीन काल में यह मनीषियों की तपोस्थली हुआ करती थी। स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास पंचपहाड़ी के बिना अधूरा है। शहीद बंधू महतो सरीखे स्वतंत्रता सेनानियों ने यहां की कंदराओं में कई रातें बिताई थी। यहां का एक-एक शिलाखंड मनीषियों की तपोनिष्ठा व स्वतंत्रता सेनानियों की राष्ट्रभक्ति का साक्षी रहा है।
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फोटो 15 जमुई 31
युवाओं को भाता है गरही डैम :
खैरा प्रखंड का अधिकतर इलाका जंगलों व पहाड़ों से घिरा है। झरना एवं जंगल के बीच नदी की कल-कल धारा हर किसी को आकर्षित करती है। पिकनिक के लिहाज से गिद्ध्ेश्वर जंगल, पंचभूर, नौलखागढ़ उपयुक्त है। यहां नए साल के मौके पर बड़ी संख्या में युवा पिकनिक का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं। इसके अलावा गरही डैम लोगों के लिए खास पसंदीदा जगह है। एक जनवरी से लेकर 14 जनवरी तक यहां काफी भीड़ रहती है। लोग यहां पहुंचकर डैम का नजारा देखने के साथ पिकनिक का भी मजा लेते हैं।
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हनीमून के साथ नए साल का जश्न :
साल 2019 को लोग अलविदा कहने जा रहे हैं। साल के अंतिम लम्हों में कुछ जोड़े शादी के बंधन में बंधे हैं। नए जीवन की शुरुआत के लिए इनमें से कुछ जोड़ों ने दूसरे प्रदेशों का रुख किया है और इनकी पहली पसंद बना है गोवा। ताकि वह हनीमून के साथ क्रिसमस और नए साल का जश्न मना सकें। इसके अलावा जम्मु में मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाने को लेकर नवविवाहित जोड़ों ने तैयारी कर रखी है। कई जोड़े शिरडी साईं बाबा के दर्शन के लिए भी जाएंगे।