हादसे से रोजाना लाल हो रही जमुई की सड़कें

जमुई। जिले की सड़कें लगभग हर दिन हादसे से लाल हो रही है। शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब सड़क दुर्घटना के मामले सामने नहीं आते हो।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Apr 2019 05:51 PM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 05:51 PM (IST)
हादसे से रोजाना लाल हो रही जमुई की सड़कें
हादसे से रोजाना लाल हो रही जमुई की सड़कें

जमुई। जिले की सड़कें लगभग हर दिन हादसे से लाल हो रही है। शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब सड़क दुर्घटना के मामले सामने नहीं आते हो। थोड़ी सी जल्दबाजी और लापरवाही न खत्म होने वाली यात्रा में बदल जाती है तो परिवार व आश्रितों को जिदगी भर की ठेस दे जाती है। सपने टूटते हैं, परिवार बिखरता है, बूढे़ मां-बाप, पत्नी बेसहारा हो बेचारा बन जाते हैं, बच्चे छोटी-छोटी जरूरतों के लिए मोहताज तो पूरे परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ता है परंतु सब कुछ समझते हुए भी लोग हादसों से सीख नहीं लेते। सावधानी व सुरक्षा नियमों को गंभीरता से नहीं लेते। सड़क हादसों की वजह को जब तलाशने की कोशिश की गई तो लगभग सभी हादसों में तकनीकी खराबी की बजाय लापरवाही कारण के रूप में नजर आई है।

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हर दिन रक्तरंजित होती है सड़कें :

अप्रैल की ही बात करें तो हर दिन सड़क दुर्घटना अखबार की सुर्खियों में रही। कभी बाइक तो कभी ऑटो। दुर्घटना की लगभग हर दिन की नीयती बन गई है। 6 अप्रैल को चंद्रमंडी थाना क्षेत्र के धमनिया मोड़ के पास अज्ञात वाहन की ठोकर से 65 साल के बालेश्वर मोदी की मौत हो गई। 9 अप्रैल को जमुई-सिकन्दरा मार्ग पर गिट्टी लदे ट्रक ने बाइक सवार को टक्कर मार दी। इस हादसे में शेखपुरा निवासी शंकर साव की मौत हो गई। 15 अप्रैल को नगर थाना के डुंडो गांव के छात्र सुधांशु, माधव तथा उत्सव की मौत मोटरसाइकिल दुर्घटना में हो गई। जबकि 23 अप्रैल का दिन मंगलवार जमुई के लिए अमंगल साबित हुआ। इस तारीख में जहां हाइवा की ठोकर से झाझा थाना के अलकजरा निवासी 30 वर्षीय अरविद यादव की मौत हो गई। वहीं गिद्धौर-झाझा मार्ग पर संसारपुर गांव के समीप ट्रक की ठोकर से साइकिल सवार छात्रा मधु कुमारी की मौत हो गई। जबकि देर संध्या जमुई-सिकन्दरा मार्ग पर स्कॉर्पियो ने बाइक सवार को ठोकर मार दी। इस हादसे में नगर थाना क्षेत्र के लोहरा निवासी मु. शमसाद व उनकी दस वर्षीय पुत्री फिजा प्रवीण की मौत हो गई।

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लापरवाही व रोमांच बन रही वजह :

ज्यादातर सड़क हादसे की वजह लापरवाही व थ्रील बनी है। युवा वर्ग रोमांच के चक्कर में परिवहन नियमों की अवहेलना कर हेलमेट जैसी सुरक्षा उपाय को बोझ समझते हैं। नतीजतन मामूली दुर्घटना भी जान लेवा बन जाती है। इसके अलावा बाइक की तीव्र गति व कलाबाजी भी दुर्घटना के कारकों में शामिल है। दूसरी तरफ विभागीय लापरवाही भी दुर्घटनाओं को आमंत्रण देता है।

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कोट

अधिकांश सड़क दुर्घटना में असावधानी व हाई स्पीड कारण बन रही है। हेलमेट व कागजात की जांच में और तेजी लाई जाएगी।

रवि कुमार, डीटीओ जमुई

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