जलजमाव ने बिगाड़ी शहर की सूरत, बिना प्लानिग बस रही आबादी

संवाद सहयोगी जमुई व्यवस्था के साथ-साथ लोगों की भागीदारी से ही खूबसूरत व स्वछ शहर का सपना पूरा हो सकता है। अफसोस जमुई में व्यवस्था भी रुटीन मंशा से काम कर रही तो लोग भी उदासीन हैं। जब तक स्वछता को लेकर जज्बात क्रांतिकारी नहीं होंगे सोच नहीं बदलेगी संकल्प दृढ़ नहीं होंगे तब तक स्वछ व सुंदर शहर की कल्पना सपना ही बना रहेगा। बाहर से आने वाले लोग नाक सिकोड़ेंगे और आनेवाली पीढ़ी हमारे विचार व कर्म पर अफसोस जताएगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 06:04 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 06:04 PM (IST)
जलजमाव ने बिगाड़ी शहर की सूरत, बिना प्लानिग बस रही आबादी
जलजमाव ने बिगाड़ी शहर की सूरत, बिना प्लानिग बस रही आबादी

अभियान की खबर

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फोटो 23 जमुई-7,8,9,10,11,18,19

संवाद सहयोगी, जमुई : व्यवस्था के साथ-साथ लोगों की भागीदारी से ही खूबसूरत व स्वच्छ शहर का सपना पूरा हो सकता है। अफसोस, जमुई में व्यवस्था भी रुटीन मंशा से काम कर रही तो लोग भी उदासीन हैं। जब तक स्वच्छता को लेकर जज्बात क्रांतिकारी नहीं होंगे, सोच नहीं बदलेगी, संकल्प दृढ़ नहीं होंगे तब तक स्वच्छ व सुंदर शहर की कल्पना सपना ही बना रहेगा। बाहर से आने वाले लोग नाक सिकोड़ेंगे और आनेवाली पीढ़ी हमारे विचार व कर्म पर अफसोस जताएगी। शहर में सुंदर घर तो होगा, लेकिन सुंदर शहर में घर नहीं कहलाएगा। शहरी कहलाने पर गर्व की जगह नजर बचानी होगी। हमेशा डर बना रहेगा कि कहीं कोई बाहरी रिश्तेदार हंस ना दें। इंदौर से आने वाले दोस्त व रिश्तेदार मजाक न उड़ा दें, कहीं मुंह न फेर लें।

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पचास फीसद मुहल्ले में जलजमाव की समस्या

शहर में बन रही बहुमंजिला इमारतें और बगैर जल निकासी की प्लानिग के मोहल्ले के विस्तार ने शहर में जलजमाव की समस्या को अभिशाप बना दिया है। कालोनी बस गई और बगल में जलजमाव से तालाब बना है। यह जल जमाव सिर्फ शहर की सुंदरता ही नहीं बिगाड़ रहा बल्कि आम लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रहा है। विभिन्न प्रकार के जल जनित रोग से लोग शिकार हो रहे हैं। आलम यह है कि बरसात में शहर के कई मोहल्ले के घरों में जलजमाव का पानी घुस जाता है। शहर के तीस वार्ड में 16 मुहल्ला में जलजमाव की समस्या विकराल है। इसमें से आधा मुहल्ले में गर्मी में भी जलजमाव की समस्या रहती है। अन्य मुहल्ले में भी हल्की-फुल्की जलजमाव की समस्या है।

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नहीं है पानी निकासी की व्यवस्था

शहर में पानी निकासी के लिए उत्तम व्यवस्था नहीं है। स्वार्थपूर्ति की मंशा से मोहल्लों के गलियों में छोटी-छोटी नाली बना दी गई है, लेकिन नाली का पानी किस ओर बहेगा इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। नतीजतन नाली में पानी जिस ओर से आती है पुन: उसी ओर लौट जाती है। इसके कारण नालियों में भी गंदे पानी और कचरे का कब्जा हो गया है। शहर के घरों का पानी निकासी के लिए मुख्य नाला का सपना आज तक साकार नहीं हो सका। जानकारों की माने तो प्लानिग ऐसी होनी चाहिए थी कि मोहल्ले की छोटी-छोटी नालियां एक जगह जुट कर बड़े नाले में गिरती और बड़े नाले का निकास दूसरी जगह पर होता। इसका फायदा यह होता कि नालियों के पानी का निकास बेहतर तरीके से होता और लोगों को जलजमाव की समस्या नहीं झेलनी पड़ती। बहरहाल यह सब बातें अब तक कागजों पर ही है। नतीजतन लोग नाली में जमे कचरे की बदबू और सड़ांध के बीच जीने को विवश हैं।

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हम भी बने हैं लापरवाह

सुंदर व स्वच्छ शहर बनाने में हर किसी को अपनी भागीदारी निभानी होगी। सरकार ने कूड़ादान लगाया। कूड़ेदान के अलग-बगल फैले कचरे हमारी गंभीरता को दर्शा देती है। हमें भी कचरे को कूड़ेदान में ही डालने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना होगा। हमारा संकल्प ही शहर को सुंदर बना सकता है।

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इन जगहों पर है जलजमाव

न्यू टोला बिहारी, कृष्णपट्टी, महिसौड़ी, केकेएम कालेज के समीप, वीर कुंवर सिंह कालोनी, हांसडीह, बोधवन तालाब, कल्याणपुर, महाराजगंज, शास्त्री कालोनी, वीआइपी कालोनी, सतगामा, नीमारंग, सिरचंद नवादा, शीतला कालोनी, पंच मंदिर रोड

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सबका सहयोग जरूरी

शहर को साफ, स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगर प्रशासन के साथ-साथ शहरवासियों को भी आगे आना होगा। छोटी-छोटी नालियां बनने से पहले पानी निकास की व्यवस्था पर भी मोहल्ले वासियों को एकत्रित होकर विचार करना होगा।

रवीश कुमार सिंह, नया टोला बिहारी

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हर व्यक्ति को उठानी होगी जिम्मेदारी

सड़कों पर कचरा फेंकने से हम शहरवासियों को परहेज करना चाहिए। नगर परिषद द्वारा लगाए गए डस्टबिन में ही गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग फेंका जाए। इसके लिए मोहल्ले के हर निवासी को आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारी उठानी होगी।

जयकेश कुमार सिंह, महिसौड़ी

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आपसी सहयोग से सपना होगा अपना

बगैर एक-दूसरे के सहयोग से कोई स्वच्छता का यह सपना पूरा नहीं किया जा सकता है। हमें खुद में सुधार लाते हुए दूसरे को जागरूक करना होगा। अपने आप को दूसरे के लिए आदर्श बनाना होगा।

डूगडूग सिंह, सिरचन नवादा

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बदलनी होगी सोच

बिना प्लानिग मोहल्ले में छोटे-छोटे नाले निर्माण से जल जमाव की समस्या विकराल रूप ले रही है। मोहल्लेवासियों को खुद में बैठकर तय करना होगा। यह मेरी समस्या की सोच के साथ आगे बढ़ना होगा।

राजेश कुमार सिंह, बिहारी

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कोट

शहर में लंबे अरसे से जल जमाव की समस्या के निदान के लिए नागपुर के नीरी संस्थान द्वारा 143 करोड़ का डीपीआर बनाकर नगर एवं आवास विभाग भेजा गया है। इसके लिए खैरमा मौजा अंतर्गत 1.5 एकड़ और सोनपै मौजा में 3.75 एकड़ जमीन चिन्हित किया गया है। जिला प्रशासन से जमीन अधिग्रहण की एनओसी और विभाग द्वारा डीपीआर की स्वीकृति मिलने के बाद इसकी निविदा निकाली जाएगी। शहर को जल जमाव की समस्या से स्थायी तौर पर निजात दिलाया जाएगा।

मृत्युंजय कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, जमुई

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हर हाथ को संभालना होगा सफाई की कमान

मैं भी स्वच्छता प्रहरी

फोटो: 23 जमुई-1

मैं अपने घर के समीप एवं मुहल्ले की सफाई करने में कोई संकोच नहीं रखता। साफ-सुथरा रखना हर व्यक्ति की जिम्मेवारी है। हर सुबह झाड़ू उठाकर सफाई में जुट जाता हूं। दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करता हूं। अगर हर हाथ खुद से सफाई की कमान संभाल लेगा तो परिसर सहित मुहल्ला सफाई के मामले में आदर्श बन जाएगा।

अधिवक्ता, सुनील कुमार सिंह, महिसौड़ी।

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