दिव्यांगों की जिंदगी में खुशी लाने की कवायद

जमुई। जिले में सहयोग और समर्थन के जरिए दिव्यांगों की जिंदगी में खुशी का रंग भरने की कवायद प्रशासनिक स्तर पर जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 06:07 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 06:07 PM (IST)
दिव्यांगों की जिंदगी में खुशी लाने की कवायद
दिव्यांगों की जिंदगी में खुशी लाने की कवायद

जमुई। जिले में सहयोग और समर्थन के जरिए दिव्यांगों की जिंदगी में खुशी का रंग भरने की कवायद प्रशासनिक स्तर पर जारी है। यहां तकरीबन 20 बीस हजार की आबादी दिव्यांगता की गिरफ्त में है। इसमें कई को चिन्हित नहीं किया जा सका है। समय-समय पर अभियान चलाकर दिव्यांगों को चिन्हित कर उनका परीक्षण करने तथा प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने के साथ सहाय उपकरण उपलब्ध कराया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वर्ष 2017 से लेकर अब तक 2256 आवेदन आए हैं, जिनमें सर्टिफिकेट के लिए 1950 आवेदनों की स्वीकृति हुई है।

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दिव्यांगों को मिल रहा पेंशन का लाभ

दिव्यांगों को पेंशन का लाभ मिल रहा है। सरकारी नौकरी में आरक्षण तथा रोजगार के लिए ऋण मुहैया कराया जा रहा है। कुछ दिव्यांगों को स्कील डेवलपमेंट के जरिए आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। दिव्यांग रायपुरा निवासी अजय मोदी, लक्ष्मीपुर के श्याम यादव तथा जमुई के होरिल ने बताया कि उन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।

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स्टेशन व बस पड़ाव में नहीं है सुविधा

दिव्यांगों के लिए रेलवे स्टेशन तथा बस पड़ाव के अलावा अन्य सार्वजिनक स्थलों पर कोई सुविधा नहीं दिखती। कई बैंकों में दिव्यांगों के लिए अलग से कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में इन जगहों पर दिव्यांगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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बुनियाद केंद्र में मिल रही सुविधा

खैरा प्रखंड मुख्यालय में बुनियाद केंद्र की स्थापना की गई है। यह केंद्र दिव्यांग, वृद्ध व विधवा के लिए वन स्टॉप फैसिलिटी सेंटर है, जहां ²श्यता जांच, श्रवण जांच, प्रमाणीकरण, फिजियोथेरेपी व अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती है। साथ ही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाती है।

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समावेशी शिक्षा के तहत दी जा रही शिक्षा

दिव्ययांगों को समावेशी शिक्षा से जोड़कर सरकारी स्कूलों में उनका नामांकन कराया जाता है। समावेशी शिक्षा से दिव्यांगों को नई जिदगी मिल रही है। सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ ने बताया कि दिव्यांग छात्र-छात्राओं को ब्रेललिपि मशीन, वैशाखी, जूता व अन्य सामान मुहैया कराया जाता है। स्कूलों में दिव्यांगों को विशेष रूप से जीवन-यापन के ढंग के बारे में जानकारी दी जाती है।

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कोट

शिक्षा विभाग दिव्यांग बच्चों के लिए समर्पित है। शिक्षा के साथ उनके विकास भी ध्यान दिया जा रहा है। जिन बच्चों के पास सहाय उपकरण नहीं हैं, उन्हें आवश्यकतानुसार उपकरण उपलब्ध कराया जा रहा है।

रवि कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जमुई

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