बंगाल-झारखंड की जुबान पर चढ़ा है सिमुलतला का फलेंदा जमुन

जमुई। औषधीय गुणों से भरपूर फलेंदा जामुन का स्वाद ही कुछ निराला है। बहुतायत मात्र में इसका उपज सिमुलतला में होता है। यहां के बागानों में जामुन फल का एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों पेड़ है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 05:34 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 05:34 PM (IST)
बंगाल-झारखंड की जुबान पर चढ़ा है सिमुलतला का फलेंदा जमुन
बंगाल-झारखंड की जुबान पर चढ़ा है सिमुलतला का फलेंदा जमुन

जमुई। औषधीय गुणों से भरपूर फलेंदा जामुन का स्वाद ही कुछ निराला है। बहुतायत मात्र में इसका उपज सिमुलतला में होता है। यहां के बागानों में जामुन फल का एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों पेड़ है। यहां से जामुन पश्चिम बंगाल के आसनसोल, दुर्गापुर, रानीगंज, सेवड़ापुल्ली, कोलकाता, बिहार के जमुई, लखीसराय, पटना, बेगूसराय, झारखंड के देवघर, रांची, धनबाद के अलावा दिल्ली, मुंबई आदि बड़े शहरों में भेजा जाता है। जामुन कि प्रजातियों में फलेंदा, काला जामुन, कठ जामुन पाई जाती हैं। फलेंदा जामुन का स्वाद अन्य सभी जामुनों से अलग है। व्यापारी बागान मालिक से जामुन के फल के फूल फलने के दौरान ही खरीद लेते है। इसके गुणों के कारण ज्यादातर लोग इसकी मांग करते है। प्राकृतिक चिकित्सक सह निदेशक आरोग्य निकुंज ट्रस्ट बिहार, झारखंड डॉ. मनोज कहते हैं कि जामुन एक औषधीय फल है। इसके सेवन से कई रोगों का उपचार होता है। जामुन का फल, पत्ता, छाल सभी उपयोगी है। वर्तमान समय में जामुन के पेड़ को संरक्षित करने के साथ-साथ वृहत पैमाने पर लगाने की आवश्यकता है। डॉ. मनोज ने बताया कि मधुमेह के रोगी को जामुन खाने से बहुत फायदा होता है। यह रक्त के अंदर शक्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है। फल के साथ इसकी गुठली भी मधुमेह नियंत्रित करता है। पेट से जुड़ी समस्या को भी दूर करने के लिए जामुन फायदेमंद है। जामुन के सेवन से खून की कमी दूर होती है। जामुन में केल्शियम, पोटेशियम और आयरन पाया जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। जामुन के पत्ते मसूड़ों के लिए फायदेमंद हैं। लीवर मे किसी प्रकार की समस्या है तो सुबह शाम जामुन का रस का सेवन फायदेमंद होता है। पत्थरी, गठिया की समस्या में भी जामुन कारगर है।

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