सहजन से जमुई के किसान सहेजेंगे अर्थ और सेहत

फोटो 5 जमुई-501 --------------------- -उद्यान विभाग ने सहजन की खेती की शुरू की कवायद - 29 हेक्टेयर में खेती के लिए तैयार किए जा रहे नर्सरी - सहजन के लिए जिले की आबोहवा अनुकूल -------------------

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 06:31 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 06:17 AM (IST)
सहजन से जमुई के किसान सहेजेंगे अर्थ और सेहत
सहजन से जमुई के किसान सहेजेंगे अर्थ और सेहत

जमुई [आशीष कुमार चिटू]

आर्थिक रूप से पिछड़े जमुई जिला में गांव से लेकर शहर के पुरुष-महिला, किशोर-किशोरी की बड़ी आबादी अल्परक्तता (एनीमिया) रोग की शिकार है। सरकार व स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा वितरण सहित अन्य कार्यक्रम चलाए जाते हैं। अल्परक्तता रोग की सबसे बड़ी वजह जागरुकता की कमी और दुर्बल आर्थिक दशा के कारण पौष्टिक भोजन की अनुपलब्धता बताई जाती है। मुख्य फसल धान से किसानों की आर्थिक परेशानी का अब तक निदान नहीं हो सका है। एक फसल के बाद दूसरे फसल के लिए किसानों को पूंजी की समस्या झेलनी पड़ती है। लिहाजा, किसानों की आमदनी बढ़ाने व पौष्टिकता के साथ सबलता लाने को लेकर उद्यान विभाग ने सहजन (ड्रमस्टिक) की खेती की कवायद शुरू की है। विभाग द्वारा बीज उपलब्ध कराने के साथ ही चरणबद्ध तरीके से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। जिले में 29 हेक्टेयर में सहजन की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। ---------

आबोहवा है अनुकूल

वैज्ञानिकों के अनुसार सहजन की खेती के लिए जिले की आबोहवा अनुकूल है। कम लागत में तैयार होने वाली इस फसल की खासियत यह है कि इसकी एक बार बुआई के बाद चार साल तक बुवाई नहीं करनी पड़ती है। साथ ही औषधीय फसल है, इसमें 92 तरह के मल्टीविटामिन्स, 46 तरह के एंटी आक्सीडेंट गुण, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं। कुपोषण, एनीमिया (खून की कमी) में इसका सेवन फायदेमंद होता है। ----------

जिले में 29 किसानों को दिया गया बीज

उद्यान विभाग द्वारा जिले के दस प्रखंड के 29 किसानों को एक-एक हेक्टेयर में सहजन की खेती के लिए एक-एक किलो बीज उपलब्ध कराया गया है। एक प्रखंड में तीन हेक्टेयर खेती करने का लक्ष्य रखा गया है।

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नर्सरी और पौधा बढ़ने पर मिलेगी 37 हजार का प्रोत्साहन राशि

विभाग के अनुसार नर्सरी तैयार होने पर किसानों को कुल प्रोत्साहन राशि 37 हजार का 75 फीसद भुगतान किया जाएगा। इसके बाद तैयार नर्सरी के अनुपात में 90 फीसद पेड़ तैयार होने के बाद शेष 25 फीसद खाते में भेजी जाएगी। इधर किसान राजेंद्र यादव, चंद्रशेखर राय, सुजीत सिंह आदि ने बताया कि सहजन की खेती से उन्हें फायदा पहुंचेगा ऐसा यकीन है। आज के समय में बाजार में सहजन की मांग बहुत है। 80 से 90 रुपए किलो सहजन बिकता है। ---- कोट किसानों से लगातार संपर्क कर खेती पर नजर रखी जा रही है। किसानों द्वारा नर्सरी तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही किसानों की खेती संबंधी समस्या का निदान बताया जाता है। संजय कुमार, प्रभारी उद्यान पदाधिकारी, जमुई।

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