वर्षा ने दी दगा, पानी को तरसे किसान
जमुई। मई और जून में किसानों को सपना दिखा बरखा रानी जुलाई में धान रोपनी के ऐन वक्त पर दगा दे गई। लगभग हर दिन बादल उमड़ते-घूमड़ते हैं पर बरखा रूठी है। लिहाजा जिले में धान रोपनी का कार्य प्रभावित है। काले-काले बादल देख किसानों की उम्मीदों पर चंद मिनटों में ही तीखी धूप पानी फेर रही है।
जमुई। मई और जून में किसानों को सपना दिखा बरखा रानी जुलाई में धान रोपनी के ऐन वक्त पर दगा दे गई। लगभग हर दिन बादल उमड़ते-घूमड़ते हैं पर बरखा रूठी है। लिहाजा जिले में धान रोपनी का कार्य प्रभावित है। काले-काले बादल देख किसानों की उम्मीदों पर चंद मिनटों में ही तीखी धूप पानी फेर रही है।
हालत यह है कि रोपनी के सही समय के दस दिन बीत जाने के बावजूद खेत की जोताई नहीं हो पाई। खेतों में जंगली घास ने कब्जा कर रखा है। नतीजतन बहियारों में वीरानगी ने पांव पसार रखा है। ना रोपनी गीत सुनाई पड़ रही और ना ही रोपनहारों की टोली नजर आ रही। खेत की मिट्टी से सने हल-बैल और ट्रैक्टर ढ़ूंढने पड़ रहे हैं। बरखा के इस बदले रूप से किसान सहमे हैं। धान रोपनी को लेकर चितित हैं। अब तक नहर से सटे कुछ खेतों में ही रोपनी हो सकी है।
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जिले में महज छह फीसद हुई रोपनी
जिले में अमूमन 15 जुलाई से धान रोपनी शुरू हो जाती थी। इस बार अबतक खेतों को रोपनी के लायक भी नहीं बनाया जा सका है। बारिश नहीं होने से खेतों की जुताई नहीं हो पाई है। कृषि विभाग के अनुसार जिले में अब तक 6.32 फीसद रोपनी ही हो पाई है। इसमें सबसे कम गिद्धौर प्रखंड में रोपनी हुई है। हालांकि हर वर्ष से इतर अलीगंज प्रखंड में अभी सबसे अधिक 22.58 फीसद रोपनी हुई है। किसानों ने बताया कि हर वर्ष अब तक 50 फीसद तक रोपनी हो जाती थी।
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जून में जमकर बरसा बरखा
जून माह में जिले में जमकर बारिश हुई थी। वर्षापात रिपोर्ट के अनुसार जून में सामान्य वर्षापात 164.50 से 157.21 फीसद अधिक बारिश हुई। जून माह में 258.6 मिमी बारिश हुई। किसानों के अनुसार जून में इतनी पानी का उपयोग नहीं था। लिहाजा, बारिश का पानी बेकार बह गया। अब जबकि जुलाई में रोपनी कार्य होना है तो बारिश धोखेबाज बना है। रिपोर्ट के अनुसार जुलाई माह के 24 तारीख तक जिले में 86 मिमी बारिश हुई यानि सामान्य वर्षापात 289.20 का महज 29.74 फीसद।
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बिचड़ा तैयार, पानी का इंतजार
जून की बारिश को देखते हुए किसानों ने बिचड़ा डाल दिया था। अब बिचड़ा के 25 दिन से अधिक होने को हैं लेकिन पानी के अभाव में रोपनी प्रारंभ नहीं हो सकी है। किसानों ने बताया कि जल्द बारिश नहीं हुई तो बहुत नुकसान होगा। बिचड़ा की जड़ें मिट्टी पकड़ने लगी है। ऐसी स्थिति में मोरी (बिचड़ा) उखाड़ने में परेशानी होगी। जड़ टूट जाएगा जिससे उसकी रोपनी नहीं हो पाएगी। अधिकांश किसान संकर धान लगाते हैं। संकर धान की जड़े अपेक्षाकृत तेजी से बढ़ती है। इसलिए परेशानी और बढ़ जाएगी।
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बाक्स
रोपनी लायक बारिश का करना होगा इंतजार
जमुई: कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विभाग ने अनुसार 27 जुलाई तक हल्की बारिश का अनुमान है। 28 जुलाई को थोड़ी अधिक बारिश हो सकती है। हालांकि इन दिनों आसमान में घने बादल छाए रहेंगे। रुक-रुक कर बारिश हो सकती है। बताया कि 28 जुलाई को 39.2 मिमी बारिश होने का पूर्वानुमान है। केंद्र प्रमुख डा. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि धान की नर्सरी में पत्ती का उपरी शीरा सूखने पर तुरंत शाम के समय में सिचाई करें।
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प्रखंडवार अब तक धान आच्छादन फीसद में
प्रखंड-------आच्छादन
अलीगंज----22.58
बरहट------1.58
चकाई------7.63
गिद्धौर-----0.23
जमुई-------7.41
झाझा-------0.37
खैरा--------2.33
लक्ष्मीपुर----2.66
सिकंदरा----21.55
सोनो--------2.00