तीर्थयात्रियों का लछुआड़ आना हुआ प्रभावित

जमुई। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में श्रवण भगवान महावीर की जन्मस्थली विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल क्षत्रियकुंड नगरी में तीर्थ यात्रियों का आवागमन प्रभावित होने से जैन श्वेतांबर धर्मशाला लछुआड़ की रौनक समाप्त होने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 06:56 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 06:56 PM (IST)
तीर्थयात्रियों का लछुआड़ आना हुआ प्रभावित
तीर्थयात्रियों का लछुआड़ आना हुआ प्रभावित

जमुई। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में श्रवण भगवान महावीर की जन्मस्थली विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल क्षत्रियकुंड नगरी में तीर्थ यात्रियों का आवागमन प्रभावित होने से जैन श्वेतांबर धर्मशाला लछुआड़ की रौनक समाप्त होने लगी है।

दरअसल, जैन धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल भगवान महावीर की जन्मस्थली जन्म स्थान चारों ओर पहाड़ों से घिरा जंगलों की तराई में अवस्थित है। इस धार्मिक स्थल में सालों भर देश-विदेश से तीर्थ यात्री आते हैं। होली के पहले और होली के बाद अप्रैल-मई के अलावा अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक यहां यात्रियों का आवागमन काफी संख्या में होता रहता है, लेकिन पिछले एक वर्ष से कोरोना महामारी ने यात्रियों पर विराम लगा कर क्षेत्रीय लोगों के रोजगार पर ग्रहण लगा दिया है। जिससे लोगों के बीच भुखमरी की स्थिति उत्पन्न होने लगी है।

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रोजगार सृजन की दिशा में तीर्थयात्री सहारा

लछुआड़ एवं आसपास के लोगों का रोजगार सृजन की दिशा में सिर्फ यात्री ही एकमात्र सहारा है। यह बातें सालों भर तीर्थयात्रियों पर आश्रित रहने वाले लछुआड़ के ग्रामीणों ने कही। संकट के बादल से घिरे रोहित सिंह, संतोष राम, नरेश चौधरी ने बताया कि तीर्थ यात्रियों के आवागमन होने के बाद उन्हें वाहनों से तीर्थ स्थल जन्मस्थान तक छोड़ने के लिए रोजगार का एक अच्छा साधन बना था। जिससे सालाना 70 हजार से एक लाख रुपये तक की आमदनी हो जाया करती थी। बहरहाल, कोरोना महामारी ने यात्रियों पर पाबंदी लगाकर आमदनी पर भी ग्रहण लगा दिया है जिससे हम लोगों के बीच विकट समस्या उत्पन्न हो गई है।

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कोट

इस विकट परिस्थिति में सभी कर्मचारी संयमित और सुरक्षित रहें। इस संकट की घड़ी में जैन श्वेतांबर सोसाइटी कर्मचारियों के साथ खड़ा रहेगा। वेतन भुगतान किया जाएगा।

कमल सिंह रामपुरिया, अध्यक्ष, जैन श्वेताम्बर सोसाइटी, लछुआड़

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कोट

जैन तीर्थ यात्री के नहीं आने से संस्था पर असर पड़ा है। बहरहाल, संस्थान कर्मचारी के हित में कार्य करेगी।

- उज्ज्वल रत्ना, प्रबंधक, जैन श्वेताम्बर सोसाइटी, लछुआड़

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