शहर में दम तोड़ रहा मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट

जमुई। मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट नल-जल योजना शहर के कई वार्ड में दम तोड़ती नजर आ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 07:30 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 07:30 PM (IST)
शहर में दम तोड़ रहा मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट
शहर में दम तोड़ रहा मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट

जमुई। मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट नल-जल योजना शहर के कई वार्ड में दम तोड़ती नजर आ रही है। कई वार्ड में योजना अधूरा है तो कई वार्ड में प्राक्कलन के अनुसार कार्य नहीं होने से योजना चालू होते ही बंद हो गई। वार्ड तीन में नल जल योजना के नाम पर लाखों की निकासी कर ली गई, लेकिन ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो पाया। ग्रामीणों ने हस्ताक्षर युक्त आवेदन मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी को देकर योजना की जांच कराने की मांग की है। वार्ड के कृष्णा यादव ने कहा कि नल जल योजना का प्राक्कलन 120 मीटर अथवा 395 फीट की गहराई तक मशीन से बोरिग कराना था। संवेदक ने 40 से 42 फीट ही बोरिग कराया। नतीजतन गर्मी में बोरिग फेल हो जाता है। वार्ड के खूबलाल यादव ने कहा कि नल जल योजना से घर-घर पानी पहुंचाने के लिए सड़क एवं गली में तीन फीट तक खोदाई कर पाइप बिछाना था, परंतु एक फीट ही खोदाई कर पाइप बिछा दी गई। योजना से घरों तक पानी पहुंचाने के लिए प्रत्येक स्थान पर पीतल का नल लगाने का प्रावधान था परंतु निम्न स्तर का प्लास्टिक नल ही लगा दिया गया। दीपक कुमार यादव ने कनीय अभियंता एवं संवेदक पर मिलीभगत का आरोप लगाकर योजना का बंदरबाट करने की बात कही। जीवू यादव ने कहा कि गरीबों के हक की योजना को सिर्फ खानापूर्ति करने का कार्य किया जाता है। अनिल यादव ने कहा कि योजना पूरी नहीं हुई और राशि निकाल ली जाती है। उन्होंने कहा कि वार्ड तीन के 250 घर में पानी पहुंचाने के लिए 22 लाख की योजना की स्वीकृति दी गई है। जिसमें दस लाख की निकासी कर ली गई है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से योजना की जांच कराने की मांग की। इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी रामाशीष शरण तिवारी ने कहा कि मामले की जांच के लिए कनीय अभियंता घनश्याम सिंह को जिम्मेदारी दी गई है। इस योजना में नौ लाख की निकासी की गई है।

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दूध की रखवाली बिल्ली के जिम्मे

वार्ड 3 के नल जल योजना में जिस पदाधिकारी पर आरोप लगे हैं उसे ही कार्यपालक पदाधिकारी ने जांच की जिम्मेदारी दी है। कार्यपालक पदाधिकारी के इस कार्य से ग्रामीणों में आक्रोश है। कृष्णा यादव, जीवलाल यादव, पप्पू यादव, छटकी यादव कहा कि योजना के नाम पर जिस कनीय अभियंता ने मापी की, उसको ही जांच की जिम्मेवारी दी गई है। दूध की रखवाली बिल्ली के हाथ में दे दी गई है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि योजना की जांच जिलास्तरीय पदाधिकारी से करायी जाय। योजना से ग्रामीणों को वंचित रखा जा रहा है।

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