बिहार-झारखंड बार्डर क्षेत्र में हाथियों का उत्पात

जमुई। बिहार-झारखंड के बार्डर स्थित जंगल से सटे जगतपुर गांव में शनिवार की अहले सुबह तीन बजे अचानक 10 हाथियों का झुंड पहुंच गया और चार पक्का घरों की दीवार को ध्वस्त कर दिया। हाथियों के उत्पात से ग्रामीण भयभीत हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 05:45 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 05:45 PM (IST)
बिहार-झारखंड बार्डर क्षेत्र में हाथियों का उत्पात
बिहार-झारखंड बार्डर क्षेत्र में हाथियों का उत्पात

जमुई। बिहार-झारखंड के बार्डर स्थित जंगल से सटे जगतपुर गांव में शनिवार की अहले सुबह तीन बजे अचानक 10 हाथियों का झुंड पहुंच गया और चार पक्का घरों की दीवार को ध्वस्त कर दिया। हाथियों के उत्पात से ग्रामीण भयभीत हैं। जगतपुर गांव के सुंदर भुल्ला की पत्नी रामवती देवी ने बताया कि रहने का एक कमरा भी नहीं है। सहदेव भुल्ला की पत्नी मंजू देवी ने बताया कि उसके मिट्टी के घर के दीवार को हाथियों के झुंड ने तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि हम लोग अब बेघर हो गए हैं। घर में खाने का सामान नहीं है और सुरक्षित रूप से रहने का ठौर ठिकाना नहीं है। घटना की सूचना मिलने पर गरही के मुखिया पति मु. अकरम ने उक्त सभी परिवारों को आर्थिक सहायता के रूप में दो हजार रुपये दिया।

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बताया जाता है कि हाथियों का झुंड जिसमें सात बड़े और तीन छोटा हाथी शामिल था नवादा के कौवाकोल थाना क्षेत्र के रज बारिया, भीखोमोह, नोनफरवा क्षेत्र होते हुए गिरिडीह जिला के थानसिंहडीह गांव के बगल में पहुंचा। हाथियों के झुंड के गर्जन से घुटिया के ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई। इस गांव के लोगों ने टीन बजाकर आवाज करने लगे। जिससे का हाथियों का झुंड पूरब दिशा की ओर मुड़ गया। इसकी सूचना थानसिंहडीह कैंप के पदाधिकारियों ने जगतपुर गांव को देते हुए कहा कि हाथियों का गांव की ओर जा रहा है। जिसके बाद गांव के लोग सपरिवार घर से निकल कर अन्यत्र चले गए। ग्रामीण भागते हुए सिकरियाटांड़ पहुंचे। इसके कुछ ही पल बाद हाथियों का झुंड जगतपुर गांव पहुंचा और घरों को ध्वस्त करने लगे। घरों में रखे चावल, आटा तथा खाद्य की अन्य सामग्रियों को यत्र-तत्र बिखेर दिया। गांव के लोग सिकरियाटांड़ में किसी प्रकार जाग कर रात बिताई और दिन निकलने के बाद अपने घर पहुंचे।

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