राजनीतिक पंडितों ने चुनाव को बनाया रोचक
जमुई। मंगलवार से मतदान की उलटी गिनती शुरू हो गई। प्रत्याशी से लेकर कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में अपनी ताकत लगा दी है।
जमुई। मंगलवार से मतदान की उलटी गिनती शुरू हो गई। प्रत्याशी से लेकर कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में अपनी ताकत लगा दी है। हम किसी से कम नहीं की तर्ज पर झाझा विधानसभा में चुनाव प्रचार दिख रहा है। दूसरी ओर राजनीतिक पंडित चुनावी माहौल को और भी रोचक बना दिया है।
जातीय समीकरण हो या विकास के मुद्दे पर प्रत्याशी की जीत हार होना प्रारंभ हो गया है। दो दिन पहले जो प्रत्याशी चुनावी रेस में आगे चल रहे थे, उन्हें अब मुंह की खानी पड़ रही है। हालांकि मतदाता मालिक होते हैं, उनका निर्णय ही सर्वे सर्वा है। इसलिए प्रत्याशी एक भी घर जाना नहीं छोड़ रहे हैं। इस दौरान सभी की मांग को सिर आंखों पर रखने की बात करते दिख रहे हैं। इन दिनों बाजार में 2015 के चुनावी परिणाम की भी चर्चा जोरों पर है। किस दल के प्रत्याशी ने कितना मत लाया और इस बार का समीकरण किस प्रकार बैठ रहा है। विगत चुनाव में जदयू-राजद गठबंधन के बावजूद जदयू के प्रत्याशी दामोदर रावत को हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा-एलजेपी गठबंधन के प्रत्याशी डॉॅ रविन्द्र यादव को जीत मिली थी। उक्त चुनाव में बसपा प्रत्याशी आबिद कौसर थे। जो इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। निर्दलीय प्रत्याशी के तहत चुनाव लड़े विनोद यादव इस बार बसपा प्रत्याशी के रूप में अपना भाग्य अजमा रहे हैं। इन लोगों के अलावा अन्य निर्दलीय प्रत्याशी हैं, जो चुनाव लड़ रहे हैं। मालूम हो कि विगत चुनाव में मतदान प्रतिशत लगभग 59 प्रतिशत हुआ था। डॉ. रविन्द्र यादव ने 65537, पूर्व मंत्री दामोदर रावत ने 43451, विनोद यादव ने 20745, आबिद कोसर ने 11444 एवं शशांक को 5281 मत प्राप्त हुए थे। उक्त वोट के गणित को जोड़कर राजीनीतिक पंडित प्रत्याशी को आगे-पीछे या फिर जीत दर्ज कराने का संकेत दे रहे हैं।