शहर में जाम के झाम पर प्रत्याशियों से सवाल करेगी जनता

जमुई। आज के दौर में सुगम यातायात विकास का पैमाना माना जाता है लेकिन जिला मुख्यालय जमुई पिछले कई सालों से जाम के झाम में फंसा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 05:58 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 05:58 PM (IST)
शहर में जाम के झाम पर प्रत्याशियों से सवाल करेगी जनता
शहर में जाम के झाम पर प्रत्याशियों से सवाल करेगी जनता

जमुई। आज के दौर में सुगम यातायात विकास का पैमाना माना जाता है, लेकिन जिला मुख्यालय जमुई पिछले कई सालों से जाम के झाम में फंसा है। चुनाव के समय प्रत्याशी जाम से मुक्ति दिलाने का आश्वासन देते हैं, लेकिन चुनाव बाद स्थिति जस की तस बनी रहती है।

शहर में अतिक्रमण और ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ नहीं रहने के कारण सड़कों पर जाम लगा रहता है। शहर को जाम से मुक्ति दिलाने को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। कुछ माह पूर्व तत्कालीन एसपी जे. रेड्डी ने कचहरी चौक से बाजार आने वाली सड़क को वन वे करा जाम से निजात का प्रयास किया लेकिन उनके जाने के बाद यह व्यवस्था पंगु हो गई। सड़क जाम एक बार फिर चुनावी मुद्दा बनता दिख रहा है। जाम का सबसे बड़ा कारण अतिक्रमण है। लोग सड़क के बड़े भाग का अतिक्रमण कर लिए हैं। इस कारण सड़क सिकुड़ते जा रही है। नतीजा, जाम की समस्या दिन- प्रतिदिन गहराती जा रही है। कई बार नगर परिषद की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जाता है लेकिन कुछ दिन बाद ही लोग इसपर दोबारा कब्जा जमा लेते हैं।

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बड़े प्रतिष्ठानों के पास पार्किंग का अभाव

शहर में कई मॉल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुल गए हैं, लेकिन ऐसे प्रतिष्ठानों के मालिक ने भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं की है। नतीजतन, प्रतिष्ठान तक आने वाले लोग सड़क किनारे अपने वाहन को खड़ा करते हैं। ऐसे में जाम लगने लगता है।

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निजात के लिए बदलनी होगी मानसिकता

महराजगंज के गुड्डू कुमार, बायपास रोड महिसौड़ी के लालटू सिंह, न्यू बिहारी के अभिषेक, कल्याणपुर के संजय चौरसिया का कहना है कि जाम से निजात के लिए पुलिस और प्रशासन को कदम आगे बढ़ाना ही होगा। आम लोगों को भी मानसिकता में बदलाव लाना होगा। अपनी सहूलियत के लिए बेतरतीब वाहनों को पार्क कर जाम की स्थिति पैदा करते हैं। शास्त्री कॉलोनी निवासी संजीव व शंकर प्रसाद कहते हैं कि अब समय आ गया है कि इस मुद्दे पर गहराई से सोचा जाए। जनप्रतिनिधियों को भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव डालना होगा ताकि वे शहरवासियों को जाम से निजात दिलाने के लिए सार्थक कदम उठा सकें।

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