पटना का टिकट के लिए दिल्ली दौड़

जमुई। चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है। एनडीए और महागठबंधन का टिकट के लिए ज्यादा मारामारी है। आलम यह है कि टिकट के दावेदारों के लिए दिल्ली की दूरी कम हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 05:28 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 05:28 PM (IST)
पटना का टिकट के लिए दिल्ली दौड़
पटना का टिकट के लिए दिल्ली दौड़

जमुई। चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है। एनडीए और महागठबंधन का टिकट के लिए ज्यादा मारामारी है। आलम यह है कि टिकट के दावेदारों के लिए दिल्ली की दूरी कम हो गई है। खासकर लोजपा, भाजपा और कांग्रेस के दावेदार दिल्ली यात्रा कर रहे हैं, जबकि जदयू के टिकटार्थी पटना और राजद का लालटेन की चाह रखने वाले पटना-रांची एक कर रहे हैं। जिले में चार विधानसभा क्षेत्र है, लेकिन सर्वाधिक मारामारी सिकंदरा सुरक्षित और झाझा विधानसभा क्षेत्र में हो रही है।

जमुई और चकाई विधानसभा क्षेत्र के लिए महागठबंधन में नो वैकेंसी का बोर्ड लगा है। एनडीए में भी गिने चुने नेताओं की दावेदारी है। दावेदारी की बात करें तो भाजपा से पूर्व विधायक अजय प्रताप, प्रकाश भगत एवं विकास सिंह, लोजपा के जिलाध्यक्ष रूबेन कुमार सिंह तथा जदयू से विजय कुमार सिंह एवं शांतनु टिकट के लिए प्रयासरत हैं। सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक भीड़ लोजपा में है। जहां से सुभाष चंद्र बोस, रवि शंकर पासवान एवं संगीता पासवान दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं। दावेदारी ई आइपी गुप्ता की भी है, लेकिन लोकसभा चुनाव के वक्त के वादों का भरोसा हैं। उनका कहना है कि पान समाज को पांच टिकट देने का वादा लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किया था। कांग्रेस से वर्तमान विधायक सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी को टिकट से बेदखल करने की भी जोर आजमाइश चल रही है। कांग्रेस का एक धड़ा धर्मेंद्र पासवान को लेकर पटना दिल्ली एक कर रहा है। राजद भी सीट शेयरिग में अपनी दावेदारी पूरी नहीं होने पर उम्मीदवार बदलने का पक्षधर है, जबकि लोजपा से बात बिगड़ने की आस में जदयू नेता सिधु कुमार पासवान एवं पूर्व जिला अध्यक्ष शिव शंकर चौधरी भी दावेदारी जता चुके हैं। वैसे जदयू से पुलिस अधीक्षक जयंतकांत की पत्नी स्मृति पासवान की भी चर्चा पटना के राजनीतिक गलियारों में सुनी जा रही है। बात झाझा की करें तो यहां महागठबंधन से बांका के पूर्व सांसद जयप्रकाश नारायण यादव की पुत्री तथा जमुई विधायक विजय प्रकाश की पत्नी के अलावा बीते चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार रहे विनोद यादव की चर्चा हो रही है। वैसे सीट शेयरिग में झटका लगने की संभावना के मद्देनजर भाजपा विधायक डॉ. रविद्र यादव की भी रांची यात्रा की चर्चा है। दरअसल झाझा सीट पर तीन टर्म विधायक रहे नीतीश कुमार के विश्वस्त पूर्व मंत्री दामोदर रावत की मजबूत दावेदारी भाजपा विधायक की परेशानी का सबब बना है। हालांकि यहां भाजपा से डॉ. नीरज साह, भाजपा नेता सुदर्शन सिंह, एनडी मिश्रा और राहुल भवेश भी मजबूत दावेदारी जता रहे हैं। चकाई में एनडीए से जदयू की दावेदारी मजबूत है, लेकिन उम्मीदवारी में पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह एवं विधान पार्षद संजय प्रसाद ही आमने-सामने हैं। जदयू नेता विजय कुमार सिंह एवं इंजीनियर शंभू शरण ने भी दावा ठोक रखा है। विजय सिंह की दावेदारी जमुई विधानसभा क्षेत्र से भी है, लेकिन सीट जदयू खाते में जाएगी इसकी संभावना कम ही दिख रही है। वैसे अंतिम क्षण में गुल खिलाने में माहिर नरेंद्र सिंह की ओर भी लोगों की निगाहें टिकी है, जिन्होंने अभी अपना पता नहीं खोला है। बहरहाल इतना तो तय है कि सीट बंटवारे के बाद ही दावेदारों की दावेदारी पर नेतृत्व की मुहर लगेगी।

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