अब नीली क्रांति की बुनियाद गढ़ेगी जीविका दीदियां

जमुई। जिले वासियों के लिए अछी खबर है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जिदा और ताजा मछली के मामले में दूसरे जिलों व प्रदेशों पर जिले की निर्भरता कम हो जाएगी। यह सब जिला प्रशासन के एक फैसले से साकार होने वाला है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:36 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:36 PM (IST)
अब नीली क्रांति की बुनियाद गढ़ेगी जीविका दीदियां
अब नीली क्रांति की बुनियाद गढ़ेगी जीविका दीदियां

जमुई। जिले वासियों के लिए अच्छी खबर है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जिदा और ताजा मछली के मामले में दूसरे जिलों व प्रदेशों पर जिले की निर्भरता कम हो जाएगी। यह सब जिला प्रशासन के एक फैसले से साकार होने वाला है। उक्त फैसले के आधार पर ही जीविका दीदियां नीली क्रांति की बुनियाद गढ़ेगी। अब जल जीवन हरियाली अभियान के तहत तैयार सार्वजनिक जलाशयों के रखरखाव एवं उसमें मत्स्य पालन सहित अन्य गतिविधियां जीविका समूह द्वारा की जाएगी। इसके लिए फिलहाल 20 सरकारी तालाब जीविका समूह को नि:शुल्क आवंटित करने का फैसला लिया गया है। इस कार्य को अंजाम देने के लिए जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में विधिवत आठ सदस्य कमेटी भी गठित कर ली गई है। बुधवार को जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उक्त फैसलों पर मुहर लगी है। इस दौरान जिला पदाधिकारी ने कहा कि जलाशयों के रखरखाव एवं जीविकोपार्जन से जुड़ी गतिविधियों के संचालन के लिए जीविका के सामुदायिक संगठनों को जलाशय निशुल्क आवंटित किए जाएंगे जिससे समुदाय आधारित मत्स्य पालन के अलावा बतख पालन, समेकित कृषि, पार्क एवं पर्यटन के क्षेत्र में जीविकोपार्जन के लिए रोजगार का द्वार खुलेगा। उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य जीविका समूह के सदस्यों की आमदनी में वृद्धि तथा आर्थिक समृद्धि है। सरकारी तालाब जीविका के ग्राम संगठनों एवं नोडल ग्राम संगठनों को पांच वर्षों के लिए आवंटित किया जाएगा। जीविका द्वारा ही जीविकोपार्जन की गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए मछली उत्पादक समूह का गठन किया जाएगा। मछली उत्पादक समूह के संपूर्ण संपोषण की जिम्मेदारी ग्राम एवं नोडल संगठनों की होगी। जीविका के स्वयं सहायता समूह के सदस्य ही मछली उत्पादक समूह के सदस्य होंगे। इस दौरान जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक विक्रांत शंकर सिंह ने जल जीवन हरियाली योजना के तहत नवसृजित व विकसित सार्वजनिक जलाशयों के रखरखाव एवं प्रबंधन तथा मत्स्य पालन पर संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण भी दिया।

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बैठक में थे उपस्थित

बैठक में उप विकास आयुक्त आरिफ अहसन, जीविका के जिला प्रबंधक विक्रांत शंकर सिंह, जिला मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कन्हैया, जिला पंचायती राज पदाधिकारी शशांक कुमार, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी अश्विनी कुमार के अलावा जीविकोपार्जन प्रबंधक कौटिल्य कुमार एवं पशुधन प्रबंधक डा पवन कुमार उपस्थित थे।

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कमेटी के होंगे सदस्य

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी में अपर समाहर्ता उपाध्यक्ष होंगे। जबकि वन प्रमंडल पदाधिकारी, जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी एवं जिला पशुपालन पदाधिकारी कमेटी के सदस्य होंगे।

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भौतिक सत्यापन के पश्चात होगा हस्तांतरण

नवगठित कमेटी के सदस्यों द्वारा भौतिक सत्यापन के पश्चात कुल 20 जलाशय जीविका को हस्तांतरित किए जाएंगे जिसमें खैरा, चकाई, झाझा, गिद्धौर, लक्ष्मीपुर और बरहट प्रखंड के तीन-तीन तथा सिकंदरा, अलीगंज और जमुई प्रखंड में दो-दो जलाशय चिन्हित किए गए हैं। हालांकि चिन्हित जलाशयों का रकबा बहुत बड़ा नहीं है फिर भी प्रयोग सफल रहा तो जिले में नीली क्रांति आने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

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