अज्ञात वाहन की ठोकर से बाइक सवार युवक की मौत

जमुई। खैरा थाना क्षेत्र के कगेश्वर गांव के समीप सोमवार की रात अज्ञात वाहन की ठोकर से बाइक सवार एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल युवक को स्थानीय लोगों की मदद से स्वजनों द्वारा देर रात 12 बजे सदर अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 06:37 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 06:37 PM (IST)
अज्ञात वाहन की ठोकर से बाइक सवार युवक की मौत
अज्ञात वाहन की ठोकर से बाइक सवार युवक की मौत

जमुई। खैरा थाना क्षेत्र के कगेश्वर गांव के समीप सोमवार की रात अज्ञात वाहन की ठोकर से बाइक सवार एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल युवक को स्थानीय लोगों की मदद से स्वजनों द्वारा देर रात 12 बजे सदर अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई।

घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस द्वारा कागजी प्रक्रिया के बाद मंगलवार को चिकित्सक द्वारा युवक का पोस्टमार्टम कर शव को स्वजनों को सौंप दिया गया। मृत युवक की पहचान खैरा थाना क्षेत्र के नीमनवादा गांव के कुराव टोला निवासी लंगी चौधरी के 22 वर्षीय पुत्र गौरव चौधरी के रूप में हुई है। स्वजनों ने बताया कि सोमवार की देर शाम युवक बाइक से अपने ससुराल सोनो जाने के लिए घर से निकला था। कगेश्वर गांव के समीप किसी अज्ञात वाहन की चपेट में आकर बुरी तरह घायल हो गया था। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा देर रात उनलोगों को घटना की सूचना दी गई थी। उसके बाद उसे सदर अस्पताल लाया गया जहां इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। इधर युवक की मौत के बाद पूरे परिवार में मातम छाया हुआ है। वह मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। उसे दो पुत्री है।

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युवा अधिवक्ता की दुर्घटना के बाद मौत पर शोक

संवाद सहयोगी, जमुई : जमुई जिला विधिज्ञ संघ के अधिवक्ता सिकंदरा के आचार्यडीह निवासी श्रवण कुमार आचार्य की दुर्घटना में घायल होने के बाद पटना में इलाज के दौरान मौत हो गई। शोक में मंगलवार को व्यवहार न्यायालय में न्यायिक कार्य नहीं हुआ। जिला विधिज्ञ संघ के हॉल में संघ के अध्यक्ष अश्वनी कुमार यादव और महासचिव विपिन कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में उन्हें श्रद्धांजलि दी। 1992 से जमुई में बतौर अधिवक्ता कार्य कर रहे श्रवण मृदु स्वभाव के व्यक्ति थे। घर से कोर्ट आते वक्त अन्नपूर्णा बस से कचहरी चौक पर उनका पैर कुचल गया था। जिसके बाद उन्हें जमुई से बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वे अपने पीछे पत्नी, दो पुत्र और दो पुत्री को छोड़ गए हैं। उन्हें जिला विधिज्ञ संघ की ओर से तत्काल 50,000 की आर्थिक मदद दी गई।

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