विभागीय उदासीनता से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधर में
जमुई। नगर परिषद क्षेत्र में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना अंतर्गत कंपोस्ट पिट निर्माण दो वर्ष बाद भी अधूरा है। इस बीच दो नप अधिकारी स्थानांतरित हो चले गए पर योजना धरी की धरी रह गई है। आलम यह है कि निर्मित पिट झाड़ियों के बीच गुम हो गई है।
जमुई। नगर परिषद क्षेत्र में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना अंतर्गत कंपोस्ट पिट निर्माण दो वर्ष बाद भी अधूरा है। इस बीच दो नप अधिकारी स्थानांतरित हो चले गए पर योजना धरी की धरी रह गई है। आलम यह है कि निर्मित पिट झाड़ियों के बीच गुम हो गई है।
दो वर्ष पूर्व नगर परिषद बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया था कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजनान्तर्गत कचरे से तैयार कंपोस्ट स्थानीय किसानों को कम लागत पर उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि किसान कंपोस्ट का उपयोग कर बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकें। प्रशासनिक उदासीनता के कारण जनहितकारी योजना कचरा डंप यार्ड में डंप हो दब गई। ऐसा नहीं कि विभाग के पास राशि की कोई कमी थी। नगर क्षेत्र में नई-नई कई योजनाएं ली गई। इसी के साथ पूर्व की योजना ठंडे बस्ते में चली गई। आखिर तभी तो नगर विकास एवं आवास विभाग की मार्गदर्शिका यहां दो वर्ष बाद भी एक कदम ही चल पाई है।
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कचरा प्रबंधन के मानक की उड़ाई जा रही धज्जियां
गीला कचरा से जैविक खाद बनाने का निश्चय दो वर्षों में आधा अधूरा सिर्फ कंपोस्ट पीट निर्माण तक ही पहुंच सका है। 10 अर्धनिर्मित पिट के ऊपर अभी तक चाला भी नहीं लगाया गया है। जिस पिट के ऊपर चाला लगाया गया है उसके सामने जंगल एवं झाड़ी है। वर्तमान में त्रिपुरारी घाट के समीप गड्ढे में नगर परिषद द्वारा कचरा डंप किया जाता है। कचरा डंप यार्ड की जगह खुले जमीन पर फेंकी जा रही है। हवा के साथ कचरे से उड़ते कागज, पालीथीन, कपड़े के अवशिष्ट बताने के लिए काफी है कि यहां कचरा प्रबंधन के मानक की धज्जियां उड़ाई जा रही है। न ही ठोस व गीला कचरा को अलग किया जाता है और न ही गीला कचरा से जैविक खाद बनाने की कवायद की जाती है।
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कंपोस्ट पीट में नहीं तैयार हो रहा जैविक खाद
नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा कचरा प्रबंधन को लेकर गीला एवं सूखा कचरा को अलग करने के साथ ही गीला कचरा से जैविक खाद बनाने संबंधी निर्देश 28 मई 2019 को दिया गया। समझ थी कि कचरा से कंपोस्ट तैयार करने से नप प्रशासन की आय भी बढ़ेगी और कचरा निस्तारण भी बेहतर तरीके से हो सकेगा। इसी कड़ी में त्रिपुरारी घाट के समीप कचरा डंप यार्ड में कंपोस्ट पिट निर्माण कर योजना का लाभ उठाया गया, कितु उद्देश्य की पूर्ति अधूरी रह गई।
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ठोस कचरा पृथक्कीकरण नहीं किया जा रहा
नगर वासियों को भले ही घर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग संग्रह करने को लेकर नगर प्रशासन द्वारा जागरूक किया जाता हो किंतु नगर प्रशासन खुद सूखे व गीले कचरे को एक साथ ही त्रिपुरारी घाट के समीप कचरा डंप यार्ड में फेंका जा रहा है। तीन कचरा चाप मशीन नगर परिषद कार्यालय के मुख्य द्वार की शोभा बढ़ा रही है। ठोस कचरा निस्तारीकरण मशीन भी नप कार्यालय के आगे में बरसों से शोभा की वस्तु बन कर रह गई है।
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कोट
पूर्व की योजना की हमें जानकारी नहीं है। जल्द ही कंपोस्ट पिट निर्माण का कार्य पूर्ण कराया जाएगा तथा योजना के उद्देश्य की पूर्ति होगी।
मृत्युंजय कुमार, नप कार्यपालक पदाधिकारी, जमुई