थोक विक्रेताओं ने शुरू कर दी पान मसाला और गुटखा की कालाबाजारी
जमुई। कोरोना वायरस का दूसरा फेज पान मसाला तथा गुटखा के थोक विक्रेताओं के लिए वरदान साबि
जमुई। कोरोना वायरस का दूसरा फेज पान मसाला तथा गुटखा के थोक विक्रेताओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। बिक्री पर रोक के बावजूद बाजारों में खुलेआम इसकी बिक्री और कालाबाजारी हो रही है। लॉकडाउन की आशंका से शहर में इसके अवैध थोक विक्रेताओं ने पान मसाला तथा गुटखा को अपने गोदामों में रोक दिया है। बाजार में इसकी किल्लत दिखाकर मांग बढ़ते ही कालाबाजारी शुरू कर दी गई है। पांच रूपये में मिलने वाले गुटखा सात रूपये में बिक रहा है। शाम में दुकान बंद रखने की अनदेखी करते हुए खुदरा विक्रेताओं से मनमानी कीमत वसूल करने के बाद दुकान के पिछले दरवाजे से गुटखा, पान मसाला की आपूर्ति की जा रही है। महराजगंज के अलावा महिसौड़ी, पुरानी बाजार, बस स्टैंड आदि जगहों पर गुटखा की कालाबाजारी का धंधा खुलेआम देखा जा सकता है। महराजगंज में एक बंद दुकान के पास इसके धंधेबाज सुबह से ही जम जाते हैं। खैरा तथा गोपालपुर बाजार स्थित पान मसाला के थोक विक्रेताओं द्वारा पान मसाला तथा गुटखा की कालाबाजारी की जा रही है।
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बॉक्स के लिए
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ग्रामीण इलाके की दुकानों में महंगाई चरम पर
जमुई: जिले के ग्रामीण इलाके की दुकानों में महंगाई चरम पर है। जो सामान दो-तीन माह पहले जिस भाव में मिलती थी उसकी कीमत अभी दुगुनी हो गई है। खासकर सरसो तेल, दाल के अलावा रिफाइन ज्यादा महंगी बिक रही है। पूछने पर दुकानदार कहते हैं कि कोरोना के कारण भाड़ा ज्यादा लगने के कारण महंगाई बढ़ी है। वहीं ग्राहकों की मानें तो कोरोना के कारण दुकानदार उनका शोषण कर रहे हैं। दिनचर्या के सामानों की कीमत अत्यधिक दर पर खरीदनी पड़ रही है।