जमुई की सड़कों पर नहीं दिखती प्रशासन की हनक

जमुई। प्रशासनिक संवेदन शून्यता की हदें जमुई में पार हो गई है। या फिर यूं कहें कि जमुई की सड़कों पर प्रशासन की हनक नहीं दिख रही है। आखिर तभी तो वाहन मालिकों तथा चालकों की मनमानी चरम पर है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:34 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:34 PM (IST)
जमुई की सड़कों पर नहीं दिखती प्रशासन की हनक
जमुई की सड़कों पर नहीं दिखती प्रशासन की हनक

जमुई। प्रशासनिक संवेदन शून्यता की हदें जमुई में पार हो गई है। या फिर यूं कहें कि जमुई की सड़कों पर प्रशासन की हनक नहीं दिख रही है। आखिर तभी तो वाहन मालिकों तथा चालकों की मनमानी चरम पर है। यहां मनमाना किराया वसूली से यात्रियों की जेब कट रही है। किराए को लेकर आए दिन तू-तू, मैं-मैं और मारपीट की नौबत आती रहती है, लेकिन जिला प्रशासन है कि, किसी ने अब तक इसकी शिकायत दर्ज नहीं कराई है कि रट लगाए बैठी है।

संक्रमण काल एक में जो किराए में बढ़ोतरी हुई उसमें एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहर में इजाफा कर दिया गया। नतीजतन विभिन्न मार्गों पर यात्री किराया तीन गुना हो गया। कहने को तो सरकार और प्रशासन का निर्देश वाहनों में शारीरिक दूरी कायम रखते हुए निर्धारित किराया लेना है, लेकिन धरातल पर इसे लागू कराने के लिए प्रशासनिक प्रतिबद्धतता निहायत जरूरी है। इसे यात्रियों से लेकर आम जनमानस और पदाधिकारी भी स्वीकारते हैं, लेकिन कर्तव्य पथ पर चलने की शायद साहब के पास वक्त की कमी है या फिर इच्छाशक्ति का अभाव, खामियाजा तो आमजन को ही भुगतना है। बहरहाल जन सरोकार से जुड़े इस मुद्दे को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता गिरीश सिंह ने आवाज बुलंद की है। जमुई जिले में विभिन्न मार्गों पर निर्धारित किराया की सूची सूचना के अधिकार कानून के तहत प्रमंडलीय आयुक्त से मांगी। वहां से निर्धारित अवधि में कोई जवाब नहीं मिलने के बाद उन्होंने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया, जहां से आयोग ने वांछित सूचनाएं उपलब्ध कराने का निर्देश प्रमंडलीय आयुक्त को दिया है। इधर भाकपा नेता ने जिलाधिकारी को पत्र लिख कर यात्रियों से मनमाना किराया वसूली की शिकायत दर्ज कराई है।

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सात किलोमीटर का किराया 60 रुपये

जमुई मुख्यालय से स्टेशन की दूरी सात किलोमीटर है। यहां का किराया दिन के उजाले में 30 रुपये तथा रात में 60 रुपये है। अगर ऑटो में सीट भर पैसेंजर नहीं हुआ तो फिर उस कमी की भी भरपाई यात्रियों को ही करनी पड़ेगी। लिहाजा कभी-कभी तो 80 से 100 रुपये तक भी स्टेशन से मुख्यालय आने के लिए भुगतान करना होता है। कमोबेश ऐसी स्थिति अन्य मार्गों पर भी है।

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वाहन मालिकों व चालकों का अघोषित किराया तालिका

मार्ग - दूरी - राशि

जमुई से मलयपुर - 7 - 30 जमुई से खैरा - 5 - 20 जमुई से सिकंदरा - 20 - 50 जमुई से अलीगंज - 32 - 70 जमुई से लक्ष्मीपुर - 20 - 50 जमुई से गिद्धौर - 16 - 40 जमुई से चकाई - 65 - 120 जमुई से झाझा - 35 - 70 जमुई से सोनो - 40 - 80 जमुई से पटना - 165 - 400 लछुआड़ से पटना - 150 - 400 सिकंदरा से लखीसराय- 25 - 60 सिकंदरा से लछुआड़ - 5 - 20 जमुई से नवादा - 70 - 150

जमुई से बिहारशरीफ - 87 - 200

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कोट

23 जून को कमिश्नर की अध्यक्षता में किराया निर्धारण समिति की बैठक होगी। बैठक में सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक नए सिरे से किराया निर्धारण हो जाने के बाद इसे सख्ती के साथ लागू किया जाएगा।

कुमार अनुज, जिला परिवहन पदाधिकारी, जमुई

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मनमाना किराया वसूली पर रोक लगाने की मांग

संवाद सूत्र, अलीगंज (जमुई): लॉकडाउन के बाद बस या ऑटो किराया वसूली में चालक और कंडक्टर बेलगाम हो गए हैं। इन दिनों यात्रियों से मनमाने तरीके से किराया वसूल किया जा रहा है। यात्री श्याम सुन्दर सिंह, सुबोध सिंह, अशोक कुमार, नगीना चंद्रवंशी, परमेश्वर यादव समेत दर्जनों यात्रियों ने बताया कि निर्धारित किराया को नजरअंदाज कर मनमाने ढंग से किराया वसूल किया जा रहा है। यात्रियों ने बताया कि पटना का किराया 160 रुपये था जो अब 400 रुपये लिया जा रहा है। नवादा का 40 की जगह पर 100 रुपये लिया जा रहा है। वहीं अलीगंज से मलयपुर 50 रुपये था, जबकि अभी 120 रुपये लिया जा रहा है। अलीगंज से सिकंदरा 20 रुपये की जगह 40 रुपये वसूल किया जा रहा है। किसान नेता धर्मेन्द्र पासवान उर्फ गुरुजी, किसान धर्मेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बस व ऑटो चालकों द्वारा यात्रियों से मनमाना किराया वसूली किया जा रहा है जो सोचनीय विषय है। उन्होंने जिला प्रशासन को आवेदन देकर मनमाने किराया वसूली पर रोक लगाने की मांग की है।

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