सोनो पंचायत में कायम रहा विरासत का जादू
जमुई। परिवर्तन के बीच सोनो प्रखंड मुख्यालय पंचायत में एक बार फिर मतदाताओं ने रामचंद्र राय की बहू को ही पंचायत की चाबी थमाई है। नवनिर्वाचित मुखिया की यह तीसरी जीत है। यहां से पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद से लगातार उक्त परिवार का ही कब्जा रहा है।
जमुई। परिवर्तन के बीच सोनो प्रखंड मुख्यालय पंचायत में एक बार फिर मतदाताओं ने रामचंद्र राय की बहू को ही पंचायत की चाबी थमाई है। नवनिर्वाचित मुखिया की यह तीसरी जीत है। यहां से पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद से लगातार उक्त परिवार का ही कब्जा रहा है। फिलहाल पिता रामचंद्र राय की विरासत को पर्दे के पीछे से पूर्व प्रमुख सत्येंद्र राय आगे बढ़ा रहे हैं। बताया जाता है कि 1952 में पहली दफा चुने गए मुखिया रामचंद्र राय 2001 तक सोनो पंचायत का प्रतिनिधित्व करते रहे। 2001 में पुत्र अशोक राय तथा 2006 में पुत्रवधू मीना राय को विरासत मिली। 2001 में सत्येंद्र कुमार राय प्रमुख भी चुने गए। पारिवारिक कारणों से 2011 में पूर्व प्रमुख सत्येंद्र राय की पत्नी रेखा देवी चुनाव मैदान में उतरी और पहली दफा पंचायत की मुखिया बनीं। इसके बाद 2016 और फिर कड़े मुकाबले में 2021 में भी रेखा देवी ने चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाया। यहां यह बताना लाजिमी है कि रेखा देवी के खिलाफ उनकी गोतनी भी चुनाव मैदान में थी। पराजित प्रत्याशी बंटी देवी के अनुरोध पर अब तक की मतगणना में पहली बार पुनर्मतगणना भी कराई गई। आखिरकार 55 मतों के अंतर से रेखा देवी निर्वाचित घोषित की गईं। रेखा देवी को 2036 तथा बंटी देवी को 1981 मत प्राप्त हुए। उक्त पंचायत से ही पंचायत समिति सदस्य पद पर उनकी गोतनी मंजू देवी एक बार फिर काम कामयाब हुई हैं। वह प्रमुख पद की एक बार फिर से दावेदार होंगी। बीते चुनाव में भी वो प्रमुख पद की दावेदार थीं लेकिन कामयाबी शीला देवी को मिली थी।
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महेश्वरी पंचायत में मध्यांतर के बाद फिर मिली विरासत
महेश्वरी पंचायत के मतदाताओं ने एक बार फिर पुराने मुखिया के पुत्र को पंचायत की कमान सौंप दी है। उक्त पंचायत से अवधेश सिंह ने ग्यारह सौ मतों से निवर्तमान मुखिया अजय कुमार सिंह को पराजित कर दिया। उन्हें 3033 तथा अजय कुमार सिंह को 1934 मत प्राप्त हुए। सबसे पहले 1968 में 10 वर्ष तक इनके चाचा जयदेव सिंह मुखिया रहे। उसके बाद 1978 से 2006 तक इनके पिता चंद्रशेखर प्रसाद सिंह को वहां की जनता ने प्रतिनिधित्व का अवसर दिया। 2006 से 2016 तक उक्त परिवार की ही अंजू देवी विरासत को आगे बढ़ाती रहीं। बीच में 2016 के चुनाव के दौरान मतदाताओं ने अजय सिंह को अवसर दे कर इंटरवल दिया लेकिन एक बार फिर से उक्त परिवार को ही पंचायत की बागडोर विरासत में सौंप दी है।
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बलथर में खत्म हो गया 70 साल का तिलिस्म
सोनो प्रखंड अंतर्गत बलथर पंचायत चुनाव का परिणाम आते ही वहां 70 साल का तिलिस्म खत्म हो गया। यहां 51 साल से लगातार निर्वाचित होते रहे मुखिया ललित नारायण सिंह को पहली बार हार का सामना करना पड़ा। उन्हें रंजू देवी ने 1188 मतों से पराजित कर दिया। रंजू देवी को 3038 तथा ललित नारायण सिंह को 1850 मत मिले।
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लालीलेबार में भी 20 साल बाद हुआ परिवर्तन
लालीलेबार पंचायत में भी परिवर्तन की बयार चली। यहां 20 साल बाद सुंदर लाल सिंह को पराजय का सामना करना पड़ा। उक्त पंचायत में साधारण परिवार की मीरा देवी ने सुंदर लाल सिंह को 184 मतों से पराजित कर दिया है। मीरा को 2237 तथा सुंदर लाल सिंह को 2053 वोट प्राप्त हुए।
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पंचायत - जीते - हारे - जीत का अंतर सारेबाद - शैला देवी - शांति देवी - 71 छुछुनरिया- माइकल भूला- दीपक विश्वकर्मा - 52 लालीलेवार- मीरा देवी - सुंदर लाल सिंह - 184 थम्हन- गायत्री देवी - पतली देवी - 390 बाबूडीह- सहाना खातून - रिकू देवी - 30 चुरहैत- गेना मांझी - सुनीता देवी- 1032 महेश्वरी- अवधेश कुमार सिंह - अजय कुमार सिंह - 1099 रजौन- साजो बीबी - ललिता देवी-563 सोनो- रेखा देवी - बंटी देवी - 55 बलथर- रंजू देवी - ललित नारायण सिंह - 1188 केशोफरका- गणेश तूरी - क्रांति देवी - 409 लोहा- जमादार सिंह - महेंद्र यादव-173 लखनकियारी- सोनी देवी - कुशमा देवी - 126 पैरा मटिहाना- रंभा कुमारी कुशवाहा - नजमा खातून - 330 ढोढरी- राम ठाकुर - सीता देवी- 231 बेलंबा- गियास अंसारी-नियाज अंसारी - गंदर - अनीता देवी - आशा देवी - दहियारी- भीम रजक - प्रतिभा कुमारी - 1337