भइया हो एक-एक वोट के सवाल है, अबकी जरूर अहिये

जमुई। भैया हो यहां एक-एक वोट के सवाल है। प्रतिष्ठा दांव पर लगल है.. यही मौका पर आप सबके खोजबीन कर रहलियो..। अबकी बार जरूर अहिये.. टिकट और मालपानी खातिर मत घबरहिये..सब खर्चा हम करबो।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 05:57 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 05:57 PM (IST)
भइया हो एक-एक वोट के सवाल है, अबकी जरूर अहिये
भइया हो एक-एक वोट के सवाल है, अबकी जरूर अहिये

जमुई। भैया हो यहां एक-एक वोट के सवाल है। प्रतिष्ठा दांव पर लगल है.. यही मौका पर आप सबके खोजबीन कर रहलियो..। अबकी बार जरूर अहिये.. टिकट और मालपानी खातिर मत घबरहिये..सब खर्चा हम करबो। कुछ इसी अंदाज में मतदाताओं को गोलबंद करने की प्रक्रिया प्रत्याशियों द्वारा की जा रही है।

एक-एक वोट को कीमती बताकर विभिन्न पदों के अभ्यर्थी परदेशी मतदाताओं को आमंत्रित करने में लगे हैं। यही नहीं शादी जैसे उत्सवी माहौल को लेकर बाहर से आने-जाने में परेशानी बताने वाले वोटरों को नहीं घबराने के लिए सांत्वना भी दी जा रही है। दरअसल, पंचायत चुनाव में मुखिया, वार्ड और बीडीसी के साथ ही अब सरपंच जैसे पद को लेकर कोई भी अभ्यर्थी जोखिम लेना पसंद नहीं कर रहे। कारण कि पिछले कई चुनावों में परदेशियों के रूप में वोट रहते हुए भी बहुत कम मतों के अंतराल में हार का मुंह देखना पड़ा है। इस बार प्रत्याशी पूरी सावधानी बरत रहे हैं। बाहर से परदेशियों को बुलाने के लिए प्रत्याशियों द्वारा टिकट की अग्रिम बुकिग कराकर इंटरनेट के जरिए भेजने की प्रक्रिया भी जोरों पर है।

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प्रति टिकट डेढ़ से दो हजार तक किए जा रहे खर्च

जानकार सूत्रों की मानें तो दिल्ली, फरीदाबाद, गुड़गांव, हरियाणा, सूरत, जयपुर एवं कोलकाता जैसे शहरों से बुलाने के लिए प्रति वोटर टिकट के रूप में दलालों के जरिए डेढ़ से दो हजार तक खर्च किए जा रहे हैं। दीपावली के बाद शादी-विवाह और पर्व-त्योहार को लेकर जिनका आना तय हुआ है उन्हें पहले बुलाने या फिर चुनाव तक रोकने के लिए भी टिकट कैंसिल कराने की प्रक्रिया जारी है।

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मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए प्रक्रिया तेज

पंचायत चुनाव को लेकर विभिन्न पंचायतों में मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए प्रक्रिया तेज हो गई है। सुबह से लेकर शाम तक एक-एक वोट के लिए प्रत्याशियों का पंचायत एवं प्रखंड क्षेत्र का दौरा करने की होड़ मची हुई है। मतदाताओं को गोलबंद करने में दूसरे जिले के सगे-संबंधियों का भी सहारा लिया जा रहा है। फिलहाल पंचायत चुनाव को लेकर इलाके में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।

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