विश्व मृदा दिवस पर किसानों को किया गया जागरूक
संवाद सूत्र बरहट (जमुई) प्रखंड मुख्यालय स्थित संवाद कक्ष में विश्व मृदा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने किसानों से यह आग्रह किया कि वे हर हाल में खेत की मिट्टी की जांच कराएं ताकि उन्हें दोनों चीजों की सेहत का पता चल सके। जांच की सुविधा केंद्र के प्रयोगशाला में मुफ्त उपलब्ध है।
फोटो- 05 जमुई- 16
संवाद सूत्र, बरहट (जमुई): प्रखंड मुख्यालय स्थित संवाद कक्ष में विश्व मृदा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने किसानों से यह आग्रह किया कि वे हर हाल में खेत की मिट्टी की जांच कराएं ताकि उन्हें दोनों चीजों की सेहत का पता चल सके। जांच की सुविधा केंद्र के प्रयोगशाला में मुफ्त उपलब्ध है।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी विजय कुमार ने कहा कि खेती के तौर-तरीकों व वातावरण में हुए बदलाव का असर मिट्टी व पानी दोनों पर पड़ा है। जागरूकता के अभाव में यह समस्या कम होने के बजाय बढ़ेगी। अभी भी वक्त है कि हम संभल जाएं ताकि स्थिति और न बिगड़े। कई किसान सिचाई के दौरान खेत में पानी को कई-कई दिन तक जमा रखते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। खासकर जहां पानी में खारापन काफी अधिक है वहां ऐसा करना मिट्टी की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। इससे जमीन की ऊपरी परत में लवण की मात्रा बढ़ जाती है। इस कारण जमीन ऊपज देने के लायक नहीं रह जाती है। कार्यक्रम के दौरान कृषि सलाहकारों ने कहा कि मिट्टी में लवण की मात्रा नहीं बढ़े, इसके लिए यह जरूरी है कि हम फसल की ऐसी किस्म लगाएं जो लवणीय पानी के प्रति सहनशील तो हो ही, साथ ही जो कम से कम पानी में जीवित रह सके। इस दौरान किसानों को सब्जी की विभिन्न फसल के लिए जरूरी पोषक तत्वों के प्रबंधन के बारे में बताया। कृषि समन्वयक ने किसानों से कहा कि रसायनिक उर्वरक की जितनी मात्रा की आवश्यकता हो उतनी मात्र ही डालें। जहां तक संभव हो हरी खाद जिसमें ढैंचा, सनई आते हैं उसका प्रयोग करें। इसके अलावा गोबर खाद भी खेत में अवश्य डालें। जैविक खाद की जितनी अधिक मात्रा डालेंगे खेत में उतने अधिक समय तक उत्पादकता बनी रहेगी। इस मौके पर बीडीओ चंदन कुमार, कृषि सलाहकार हरेंद्र सिंह सहित कई कृषि सलाहकार व किसान उपस्थित थे।