जहानाबाद में कल्याणकारी योजनाओं पर बल

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। पंचायत चुनाव में सभी वर्ग के लोगों की आशा और अपेक्षाएं हैं। अपने-अपने तरीके से विकास का एजेंडा भी लोग सेट करने में लगे हैं। चुनाव के तरीके और पंचायती राज व्यवस्था के परिदृश्य में भी काफी बदलाव हुआ है। 30 - 40 वर्ष पहले के चुनाव और वर्तमान समय में होने वाले चुनाव की व्यवस्था में काफी परिवर्तन हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 11:14 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 11:14 PM (IST)
जहानाबाद में कल्याणकारी योजनाओं पर बल
जहानाबाद में कल्याणकारी योजनाओं पर बल

जहानाबाद । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। पंचायत चुनाव में सभी वर्ग के लोगों की आशा और अपेक्षाएं हैं। अपने-अपने तरीके से विकास का एजेंडा भी लोग सेट करने में लगे हैं। चुनाव के तरीके और पंचायती राज व्यवस्था के परिदृश्य में भी काफी बदलाव हुआ है। 30 - 40 वर्ष पहले के चुनाव और वर्तमान समय में होने वाले चुनाव की व्यवस्था में काफी परिवर्तन हुआ है।

बुजुर्गों का मानना है कि मौजूदा समय में पंचायत के विकास के लिए काफी धन की व्यवस्था भी सरकार कर रही है। हर वर्ग की यही चाहत है कि उसके विकास के लिए पंचायत सरकार विशेष कदम उठाए। जब बुजुर्ग मतदाताओं से उनकी राय जानने का प्रयत्न किया गया तो उन्होंने अपनी भावना को खुलकर इस रूप में व्यक्त किया। पंचायत चुनाव से बुजुर्गों की भी काफी अपेक्षाएं हैं। कल्याण के लिए पंचायत योजना का निर्माण करें। बुजुर्ग अब तक एक वोट बैंक के रूप में रहे हैं। पंचायत के पास अब संसाधन की कमी नहीं है। लिहाजा पंचायत बुजुर्गों के लिए अधिक से अधिक कल्याण की योजनाओं का निर्माण करे।

बालदेव गिरी

फोटो-04 पहले के पंचायत चुनाव और वर्तमान दौर में चल रहे चुनाव में काफी परिवर्तन हुआ है। प्रत्याशी समाज सेवा के लिए चुनाव में भाग लेते थे। आज बाहुबल और पैसे का दौर शुरू हो गया है, हालांकि आज भी अच्छे और ईमानदार लोग पंचायत चुनाव में भाग ले रहे हैं।

मिथलेश यादव

फोटो-05 पहले के दौर में पंचायत में पैसे और योजनाओं की कमी होती थी। लिहाजा ग्राम विकास की रफ्तार भी धीमी थी। मौजूदा समय में सरकार पंचायत के माध्यम से काफी पैसा खर्च कर रही है। जरूरत है तो सिर्फ विकासशील सोच की।

राजेंद्र प्रसाद उर्फ विधायक जी

फोटो-06 पूर्व में कम खर्च में सादगी के साथ चुनाव लड़ा जाता था। चुनाव के पहले और बाद में कोई विरोध किसी का नहीं होता था। वर्तमान चुनाव की परिस्थितियां ठीक इसके विपरीत हो गई हैं।

रामुदित यादव

फोटो-07 चुनाव में जनभागीदारी और मतदान के प्रति लोगों का रुझान उतना गहरा नहीं था। मौजूदा चुनाव में एक-एक वोट का महत्व बढ़ गया है। बदलते परिवेश के साथ विकास के सोच को भी बल मिला है। सच्चे मायने में कहें तो स्थानीय स्वशासन में लोगों की भागीदारी बढ़ी है और लोकतंत्र मौजूदा समय में मजबूत हुआ है।

राम प्रवेश यादव

फोटो-08

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