लगातार हो रही वेंडिग जोन बनाने की मांग

जहानाबाद शहर में अतिक्रमण की समस्या हर ओर कायम है। समय-समय पर नगर परिषद द्वारा अतिक्रमण हटाने को लेकर अभियान भी चलाया जाता है। फुटपाथ तथा अन्य अतिक्रमित स्थानों पर संचालित अस्थाई दुकानों को हटाया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 11:39 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 11:39 PM (IST)
लगातार हो रही वेंडिग जोन बनाने की मांग
लगातार हो रही वेंडिग जोन बनाने की मांग

जहानाबाद : शहर में अतिक्रमण की समस्या हर ओर कायम है। समय-समय पर नगर परिषद द्वारा अतिक्रमण हटाने को लेकर अभियान भी चलाया जाता है। फुटपाथ तथा अन्य अतिक्रमित स्थानों पर संचालित अस्थाई दुकानों को हटाया जाता है। सवाल सीधे तौर पर रोजी-रोटी से जुड़ा हुआ है। परिणामस्वरूप प्रशासन की कार्रवाई के तुरंत बाद फिर व्यावसायियों द्वारा अपनी दुकानें सजा दी जाती है। फुटपाथ पर संचालित व्यवसाय से कई गरीब परिवार का भरण पोषण होता है। नगर परिषद वेंडिंग जोन का निर्माण कर फुटपाथी दुकानदारों को व्यवस्थित तरीके से दुकान उपलब्ध कराने की पहल शुरू भी की थी, मगर इसका दायरा नहीं बढ़ सका। सरकारी योजनाएं धरातल पर उतरने की बजाए फाइलों तक ही सिमटी रह गई। इसका दुष्परिणाम अतिक्रमण के रूप में शहर में सामने आ रहा है। फुटपाथ दुकानदार संघ लगातार कर रहा वेंडिग जोन की मांग

फुटपाथ दुकानदार संघ द्वारा लगातार वेंडिग जोन के निर्माण की मांग की जा रही है। इस मार्ग पर नगर परिषद द्वारा पहल भी की गई। कोरोनाकाल से पहले ही काको रोड में वेंडिग जोन बनाकर कई दुकानदारों को स्थाई दुकान उपलब्ध कराया गया था। एनएच 83 के किनारे तथा सब्जी मंडी में भी वेंडिग जोन में फुटपाथी दुकानदारों के लिए दुकान उपलब्ध कराया गया है, लेकिन इसकी संख्या मात्र 212 ही है। वर्तमान समय में शहर में हजारों दुकानें फुटपाथ पर चल रही है। जब तक इन दुकानदारों को व्यवस्थित जगह उपलब्ध नहीं कराया जाएगा तब तक फुटपाथ पर अतिक्रमण का जंजाल इसी तरह कायम रहेगा। अतिक्रमण के कारण शहर में परेशानी जरूर है। फुटपाथ पर दुकान चलाकर अपने परिवार की जीविका चलाने वाले लोग अत्यंत गरीब परिवार से संबंधित है। हम लोग लगातार यह मांग कर रहे हैं कि उनलोगों को स्थाई दुकान उपलब्ध कराया जाए ताकि शहर से अतिक्रमण समाप्त हो सके। बिना दुकान उपलब्ध कराएं रोजगार को उजाड़ना उचित नहीं है। शहर में कई स्थानों पर वेंडिग जोन का निर्माण कर दुकानदारों को व्यवस्थित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन उसके अनुरूप कार्य नहीं हो सका है।

-चंद्रशेखर आजाद, चेंबर आफ कामर्स के सचिव

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