कभी कलकल कर गिरता था पानी, अब बूंद बूंद टपकता
जहानाबाद प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बाणावर में यूं तो पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई प्राकृ
जहानाबाद
प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बाणावर में यूं तो पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई प्राकृतिक पदत मनमोहक ²श्य आज भी है। लेकिन हथिया बोर इलाके का झरना अब निर्झर होता जा रहा है। तकरीबन 50 फीट की ऊंचाई से यहां पहाड़ से जलधाराएं निकलती थी जो प्राकृतिक की अलौकिक छटा बिखेरते हुए नीचे की ओर आती थी। प्रचलित कथाओं के अनुसार यह झरना अति प्राचीन है। जिसमें आदि काल से शिवभक्त स्नान कर बाबा भोले शंकर पर जलाभिषेक करते थे। इसकी पवित्रता का आलम यह था कि लोग इसके पानी को घर तक पूजा-पाठ के ले जाया करते थे। लेकिन लगातार प्राकृतिक के साथ छेड़छाड़ इस मनमोहक ²श्य को काफी हद तक प्रभावित कर दिया है। इस पहाड़ी इलाके में हमेशा भूजल स्तर नीचे जाने से पेयजल के संकट बनी रहती है। हथिया बोर के झरने से आसपास का भूजल स्तर स्थाई बना रहता था। हालांकि वर्तमान समय में इस पर्यटक स्थल के विकास के लिए भारी-भरकम राशि खर्च किए जा रहे हैं। मानव निर्मित कई आधुनिक संसाधनों से इस से लैस किया जा रहा है। यदि यह झरना हमेशा-हमेशा के लिए निर्झर हो गया,तो मानव निर्मित आधुनिक संसाधनों के बावजूद भी आने वाली पीढ़ी इसकी कमी महसूस करेगी। कभी डूब जाता था इसमें हाथी अब मुश्किल से पक्षियों की बुझती है प्यास
इस स्थान का नाम हथिया बोर इसीलिए पड़ा था कि इस झरने के पानी जिस सरोवर में गिरता था उसमें हाथी जैसे विशालकाय पशु को भी डूबाने की क्षमता थी। बाणावर की वादियों में कभी हाथियों के झुंड रहते थे। वे इसी झरने के पानी को पीते थे। लेकिन प्रकृति का अनुपम भेंट पानी का स्तर अब हर ओर कम होने लगा है। धरती से लेकर पाताल तक यहां तक की झरने जैसे प्राचीन स्त्रोत भी अब शांत पडता जा रहा है। विकास की अंधी दौड़ में विचरित कर रहे मानव समुदाय को ऐसे अमूल्य संसाधनों के ह्रास के प्रति गंभीरता से सोचना होगा। सूखने लगा है सुदामा कुंड भी
बरावर में इस झील के साथ-साथ प्राचीन सुदामा कुंड का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है। लेकिन लेकिन अब यह कुंड बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने लगा है। धीरे धीरे कुंड से समाप्त हो रहे पानी का सीधा असर इस पहाड़ी इलाके के गांव के वाटर लेवल पर पडता जा रहा है। अब बरावर पहले से कहीं अधिक चर्चित भी हो गया है। बौद्ध सर्किट से जोड़े जाने के साथ-साथ विकास के लिए किए जा रहे आधुनिक कार्य तथा सरकार द्वारा प्रचार प्रसार के कारण अब यहां बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी भी आते हैं। इस बीच इलाके के जल स्त्रोतों की बदहाली पर भी सरकार को गंभीरता से सोचना होगा।